बड़े सुधारों ने बनाया सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्था: गर्ग
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने कहा है कि भारत को महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मुहैया कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार की ओर से उठाए बड़े सुधारवादी कदमों और वृहद अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर स्थिरता ने भारत को सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्था बनाया है। अमेरिका-भारत रणनीतिक साझीदारी मंच द्वारा आयोजित ‘भारतीय अर्थव्यवस्था: मायने और चुनौतियां’ विषय पर अपने भाषण में गर्ग ने कहा कि जब दुनियाभर की अर्थव्यवस्था मंद थी, तब भारत ने सुधार के कुछ बड़े कदम उठाए।
गर्ग का कहना था कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने ऐतिहासिक आर्थिक और राजनीतिक उपलब्धि पेश की है, जो भारतीय कर और आर्थिक सुधारों के मामले में अभूतपूर्व है। इसी से संरचनात्मक सुधारों को लेकर सकारात्मकता आई है। जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की बैठक में गर्ग ने कहा कि डिजिटल युग की तकनीकों का नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण दखल है और यह अर्थव्यवस्था के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है। उभरते बाजारों और विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं पर भी डिजिटल युग की तकनीकों का खासा असर है।
उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल तकनीक में बड़े निवेश कर रहा है और निजी क्षेत्र को भी उन तकनीकों को अपनाने और कारोबार की जटिलताएं दूर करने के लिए प्रेरित कर रहा है। गर्ग ने कम आय वाले विकासशील देशों (एलआइडीसी) पर बढ़ते कर्ज के बोझ को उन देशों के आर्थिक विकास में बड़ी बाधा बताया। उनका कहना था कि जब तक इस समस्या का ठोस समाधान नहीं निकाला जाता, तब तक एलआइडीसी को विकास की मजबूती नहीं मिल सकती।
महिलाओं को रोजगार पर फोकस करे भारत: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने कहा है कि भारत को महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मुहैया कराने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आइएमएफ में एशिया-प्रशांत विकास के डिप्टी डायरेक्टर केन कैंग ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान भारत ने सुधारों के मोर्चे पर बेहद प्रभावी उन्नति का प्रदर्शन किया है।
कैंग ने कहा, ‘जीएसटी का हालिया क्रियान्वयन भारतीय कर तंत्र में बहुत बड़ा सुधार है। यह विकास और रोजगार सृजन को गति देगा।’ उन्होंने भारत द्वारा पिछले कुछ समय के दौरान आर्थिक सुधार की दिशा में उठाए गए कदमों में निरंतरता की भी उम्मीद जताई। कैंग का कहना था कि तेज विकास गति के चलते एशिया-प्रशांत क्षेत्र के विकास में भारत की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। उन्होंने कहा, ‘हम भारत की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में 7.4 फीसद और अगले वित्त वर्ष में 7.8 फीसद रहने की उम्मीद कर रहे हैं। इस तेज विकास दर के चलते एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका लगातार बढ़ती जाएगी।