भारत का 2021-22 चीनी उत्पादन बढ़कर 3 करोड़ 19 लाख टन होने का अनुमान
वर्ष के लिए कुल अनुमानित चीनी उत्पादन में से उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य में चीनी मिलों का 2021-22 के विपणन वर्ष में 1 करोड़ 5 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष के 1 करोड़ 11 लाख टन स
नई दिल्ली, पीटीआइ। ब्राजील के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में चीनी उत्पादन चालू 2021-22 के विपणन वर्ष में 2.90 प्रतिशत बढ़कर 3 करोड़ 19 लाख टन होने का अनुमान है। इसमें कहा गया है कि 3 करोड़ 19 लाख के अनुमानित उत्पादन और मिलों के पास 83 लाख टन के शुरुआती स्टॉक के साथ, चालू विपणन वर्ष में देश में चीनी की कुल उपलब्धता 4 करोड़ 2 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है।
हालांकि, देश में चीनी की आपूर्ति घरेलू खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी, जो कि 2021-22 के विपणन वर्ष में 2 करोड़ 70 लाख टन होने का अनुमान है। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (एआईएसटीए) ने निर्यात के मामले में कहा कि मौजूदा 2021-22 विपणन वर्ष में आउटबाउंड शिपमेंट 60 लाख टन कम होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष 72 लाख टन था। व्यापार निकाय ने कहा, 2021-22 में वास्तविक निर्यात, घरेलू चीनी की कीमतों के स्तर पर अंतरराष्ट्रीय चीनी की कीमतों पर निर्भर करेगा।
AISTA के पहले अनुमान के अनुसार, 2021-22 के विपणन वर्ष में देश का चीनी उत्पादन 3 करोड़ 19 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले वर्ष यह 3 करोड़ 10 लाख टन था।
इस वर्ष के लिए कुल अनुमानित चीनी उत्पादन में से उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य में चीनी मिलों का 2021-22 के विपणन वर्ष में 1 करोड़ 5 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 1 करोड़ 11 लाख टन से कम है। हालांकि, देश का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में उत्पादन 1 करोड़ 7 लाख टन के मुकाबले 1 करोड़ 15 लाख टन अधिक होने का अनुमान है, जबकि कर्नाटक में - देश का तीसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य, इसमें उत्पादन 48 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि उक्त अवधि में 47 लाख टन था। आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में चीनी का उत्पादन थोड़ा अधिक 11 लाख टन, तमिलनाडु में 10 लाख टन और अन्य राज्यों में 30 लाख टन होने का अनुमान है।