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अमेरिका और चीन के बीच खतरनाक होते ‘ट्रेड वार’ पर नजर, भारत भी चिंतित

अमेरिका ने कहा है कि वह चीन से 450 अरब डॉलर के आयात को महंगा करने का कदम उठा सकता है। इस तरह का कदम पूरी दुनिया के आर्थिक ताने-बाने को चोट पहुंचाने वाला होगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 08 Jul 2018 01:55 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 07:49 PM (IST)
अमेरिका और चीन के बीच खतरनाक होते ‘ट्रेड वार’ पर नजर, भारत भी चिंतित
अमेरिका और चीन के बीच खतरनाक होते ‘ट्रेड वार’ पर नजर, भारत भी चिंतित

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के खतरनाक तरीके से आगे बढ़ने को लेकर भारत भी चिंतित है। अभी तक सरकार यह मान रही है कि अमेरिका-चीन अभी जिस तरह से एक-दूसरे के कारोबारी हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं उससे भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर दोनों देशों में जल्द कोई समझौता नहीं होता है और दुनिया के अन्य देश भी अपने उद्योगों को सुरक्षित करने और दूसरे देशों के उद्योगों को नुकसान पहुंचाने जैसे कदम उठाते हैं, तो इसका असर भारत पर भी पड़ना तय है।

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अधिकारियों का कहना है कि अभी दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत भी अमेरिका के भावी कदम का इंतजार कर रहा है। अगर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी घोषणा के मुताबिक चीन से आयातित अन्य उत्पादों पर आयात शुल्क की दर बढ़ाते हैं तो यह बेहद चिंताजनक होगा। अमेरिका ने कहा है कि वह चीन से 450 अरब डॉलर के आयात को महंगा करने का कदम उठा सकता है। इस तरह का कदम पूरी दुनिया के आर्थिक ताने-बाने को चोट पहुंचाने वाला होगा। ऐसा होने से आयात-निर्यात व औद्योगिक उत्पादन का मौजूदा ढांचा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो सकता है।

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के बीच इस बारे में पहले से ही चर्चा हो रही है। विदेश एक अधिकारी ने पिछले हफ्ते बताया था कि ट्रेड वार की स्थिति को लेकर लगातार अन्य मंत्रालयों व विभिन्न देशों में भारतीय दूतावासों व मिशनों के साथ लगातार बातचीत चल रही है।

हालात का फायदा उठाने की स्थिति में नहीं भारत: चीन ने जिस तरह से अमेरिका से सोयाबीन आयात को महंगा करने के लिए टैक्स लगाए हैं, उससे भारतीय सोयाबीन निर्यातकों के लिए वहां कुछ बाजार मिलने के आसार है। लेकिन चिंता की बात यह है कि भारत में सोयाबीन उत्पादन की स्थिति अभी बहुत उत्साहजनक नहीं दिखती। वर्ष 2017-18 में भारत में सोयाबीन उत्पादन 24 फीसद कम हुआ था।

चालू वित्त वर्ष में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में अच्छी बारिश होने से सोयाबीन उत्पादन बढ़ने के आसार हैं लेकिन फसल आने में अभी कई महीने लग जाएंगे। उसी तरह से अमेरिका ने चीन के इलेक्ट्रॉनिक्स व उपभोक्ता उपकरणों पर टैक्स लगाने का सिलसिला शुरू किया है, लेकिन भारत में इनका कोई बड़ा उद्योग नहीं है जो चीन के विकल्प के तौर पर दावा पेश कर सके। चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से होने वाले 34 अरब डॉलर के मूल्य की वस्तुओं पर 25 फीसद या इससे ज्यादा का सीमा शुल्क लगा दिया है। चीन ने यह कदम अमेरिका की तरफ से ऐसे ही कदम के बाद उठाया है। दुनियाभर में इससे चिंता छा गई है। अमेरिका व चीन के बीच इस आर्थिक युद्ध को आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा ‘ट्रेड वार’ कहा जा रहा है।


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