Income Tax Task Force Report: सरकार ने माने सभी सुझाव तो आमदनी में होगा 55 हजार करोड़ का इजाफा
Income Tax Task Force Report रिपोर्ट में मेडिकल और एजुकेशन खर्चों प्रॉविडेंट फंड हाउसिंग लोन और चैरिटी पर उपलब्ध डिडक्शन को कम करने का सुझाव भी दिया गया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकार ने करदाताओं को राहत देने और कर संग्रह में बढ़ोत्तरी करने के लिए टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर विचार करना शुरू कर दिया है। सरकार टास्क फोर्स के कुछ सुझावों पर आने वाले बजट में अमल करने के बारे में सोच रही है। टैक्स प्रक्रिया में सुधार के सुझावों के लिए सरकार द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया था। इसमें मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमणियन और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के मेंबर अखिलेश रंजन भी शामिल थे।
गौरतलब है कि टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट 19 अगस्त को सरकार को सौंप दी थी। हालांकि, यह रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए टास्क फोर्स ने तीन सूत्री व्यवस्था का सुझाव दिया है। यह इक्विटी, नॉन-इक्विटी फाइनेंशियल एसेट्स और प्रॉपर्टी सहित सभी अन्य हैं। बताया जा रहा है कि अगर सरकार डायरेक्ट टैक्स पर टास्क फोर्स के सुझावों पर पूरी तरह अमल करती है, तो इससे सरकार की आय में 55,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का इजाफा होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, टॉस्क फोर्स ने छह वर्ष तक की पिछली अवधि के लिए ब्याज और 50 फीसद विलंब शुल्क के साथ अधिक आयकर चुकाने वाले लोगों लोगों के खिलाफ मामला न चलाने या असेसमेंट दोबारा न खोलने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट के अनुसार टास्क फोर्स ने दस लाख रुपये तक की आय वालों के लिए दस फीसद, दस से बीस लाख रुपये के लिए बीस फीसद, बीस लाख रुपये से दो करोड़ रुपये तक की आय वालों के लिए तीस फीसद और दो करोड़ रुपये से अधिक की आय वालों के लिए 35 फीसद के पर्सनल इनकम टैक्स दर का सुझाव भी दिया है।
टॉस्क फोर्स ने सरचार्ज को खत्म करने का सुझाव दिया है। साथ ही मेडिकल और एजुकेशन खर्चों, प्रॉविडेंट फंड, हाउसिंग लोन और चैरिटी पर उपलब्ध डिडक्शन को कम करने का सुझाव भी दिया गया है। हालांकि, वर्तमान की आयकर एग्जेम्पशन की सीमा में परिवर्तन करने का सुझाव टास्क फोर्स द्वारा नहीं दिया गया है।