COVID-19: अमीरों पर ज्यादा Tax, गरीबों को 5 हजार रुपये की मदद, IRS अधिकारियों की सिफारिश
Income Tax आयकर अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में धनाढयों पर अधिक टैक्स लगाने की सिफारिश की है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। लॉकडाउन की वजह से प्रभावित इकोनॉमी को उबारने के लिए भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के 50 अधिकारियों ने एक रिपोर्ट में एक करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आमदनी वाले लोगों के लिए आयकर की दर को बढ़ाकर 40 फीसद करने, संपत्ति कर (Wealth Tax) को फिर से लागू करने, दस लाख रुपये से अधिक आमदनी वाले लोगों पर चार फीसद की दर से एक बार कोविड-19 सेस लगाने, गरीब लोगों के खाते में छह महीने तक हर माह 5,000 रुपये तक की राशि ट्रांसफर करने, हेल्थकेयर सेक्टर के सभी कॉरपोरेट और बिजनेसेज के लिए तीन साल के टैक्स होलीडे की सिफारिश की है। इन अधिकारियों ने 'Fiscal Options & Response to Covid-19 Epidemic (FORCE)' शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में ये अनुशंसाएं की हैं।
उल्लेखनीय है कि नोवल कोरोना वायरस की वजह से देश में 40 दिन से लॉकडाउन लागू है। इस वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं और इसका असर सरकारी खजाने पर भी पड़ा है और आने वाले समय में कर संग्रह में भी भारी कमी की आशंका पैदा हो गई है। ऐसी परिस्थितियों में 50 IRS अधिकारियों ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को कुछ नए तरीके के आइडिया सुझाए हैं। अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके द्वारा दिए गए आइडिया पर अमल करने से आर्थिक वृद्धि को मजबूती दी जा सकती है और साथ ही कर से आमदनी में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। अधिकारियों ने महामारी से निपटने और राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए लघु अवधि (3-6 माह) और मध्यम अवधि (9-12 माह) में लागू किए जाने वाले प्रस्तावों की सिफारिश की है।
अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में ये मुख्य सुझाव दिए हैंः
अमीरों पर अधिक कर
अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में धनाढयों पर अधिक टैक्स लगाने की सिफारिश की है। अधिकारियों ने सीमित अवधि या एक तय समय के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक आमदनी वाले लोगों पर टैक्स के मौजूदा स्लैब को 30 फीसद से बढ़ाकर 40 फीसद करने की अनुशंसा की है। इसके अलावा पांच करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वालों पर फिर से संपत्ति कर लगाने की सिफारिश की गई है।
गरीबों को सीधे लाभ की सिफारिश
अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में आर्थिक रूप से कमजोर तबके को छह माह तक तीन हजार-पांच हजार रुपये प्रति माह की सीधी सहायता देने की सिफारिश की है। यह राशि किसानों, दिहाड़ी मजदूरों और बेहद कम आय वाले लोगों को देने की अनुशंसा की गई है। अगर इस सिफारिश को मानती है तो इससे 12 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
विदेशी कंपनियों की भारत में होने वाली आमदनी पर कर
अधिकारियों ने विदेशी कंपनियों को भारतीय कार्यालयों या स्थायी प्रतिष्ठानों से होने वाली आमदनी पर लागू सरचार्ज में वृद्धि की सिफारिश की है। इस समय भारतीय बिजनेस से एक करोड़ से दस करोड़ रुपये तक की कमाई पर विदेशी कंपनियों को दो फीसद की दर से सरचार्ज देना होता है। वहीं, 10 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी पर पांच फीसद की दर से सरचार्ज देना होता है।
कोविड राहत सेस
IRS अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में एक सीमा से अधिक कमाई वाले लोगों पर चार फीसद का ‘COVID Relief Cess’ लगाने की सिफारिश की गई है। इस टैक्स को एक बार लगाने की अनुशंसा की गई है।
कोविड राहत मद में CSR Fund का इस्तेमाल
अधिकारियों का मानना है कि संकट की इस घड़ी में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) गतिविधियों के लिए टैक्स इंसेंटिव को बढ़ाया जाना चाहिए। उनका कहना है कि कॉरपोरेट कंपनियां कोविड-19 के समय नॉन-मैनेजेरियल स्टॉफ को जो सैलरी दे रही हैं, उसे CSR गतिविधि माना जाना चाहिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष में कंपनियों द्वारा जमा करायी जाने वाली राशि को भी CSR माना जाना चाहिए। यह विकल्प इस वित्त वर्ष के साथ-साथ अगले वित्त वर्ष में भी दिए जाने की सिफारिश की गई है।