टाटा के दो ट्रस्ट से आयकर विभाग ने मांगी इन्वेस्टमेंट की डिटेल
आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच जहां एक ओर साइरस मिस्त्री को टीसीएस और टाटा ग्लोबल बेवरेज के चेयरमैन पद से हटाया जा चुका है, वहीं अब आयकर विभाग ने टाटा ग्रुप के दो ट्रस्टों से उनके इन्वेस्टमेंट के बारे में जानकारी मांगी है।
नई दिल्ली: रतन टाटा और साइरस मिस्त्री के बीच जारी बोर्डरूम का विवाद अब भी शांत नहीं हुआ है और यह तब से लेकर अब तक लगातार सुर्खियों में है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच जहां एक ओर साइरस मिस्त्री को टीसीएस और टाटा ग्लोबल बेवरेज के चेयरमैन पद से हटाया जा चुका है, वहीं अब आयकर विभाग ने टाटा ग्रुप के दो ट्रस्टों से उनके इन्वेस्टमेंट के बारे में जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि साइरस मिस्त्री को बीते 24 अक्टूबर को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था।
ट्रस्ट के निवेश पर खड़े हुए थे सवाल:
आपको बता दें कि इन दोनों ट्रस्ट्स के निवेश पर संसद की लोक लेखा समिति ने बड़े सवाल खड़े किए थे। वरिष्ठ आयकर अधिकारियों ने बताया था कि इनमें से एक ट्रस्ट को मिली टैक्स छूट पर भी फिर से विचार किया जा रहा है। टाटा ट्रस्ट के अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है, लेकिन उन्होंने अभी कुछ और वक्त की मांग की है। आयकर विभाग का यह कदम लोक लेखा समिति द्वारा टैक्स से छूट हासिल करने वाले चैरिटेबल ट्रस्ट, शैक्षणिक संस्थानों और क्रिकेट संस्थाओं पर तैयार की गई रिपोर्ट पर आधारित है।
ट्रस्ट पर क्या है आरोप?
जानकारी के मुताबिक जमशेदजी टाटा ट्रस्ट और नवाजबाई रतन टाटा ट्रस्ट ने 2009-10 और 2010-11 में कैपिटल गेन के तौर पर 3,139 करोड़ रुपए की कमाई की। टाटा के इन दोनों ट्रस्ट पर इस रकम को गलत तरीके से निवेश करने का आरोप है।