करदाताओं पर बढ़ रहा आयकर विभाग का भरोसा, ITR की स्क्रूटनी के मामलों में लगातार आ रही कमी
वित्त मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक पिछले चार वर्षो से आइटीआर के स्क्रूटनी मामलों में लगातार कमी हो रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आयकर विभाग का करदाताओं के प्रति भरोसा बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि इनकम टैक्स रिटर्न यानी आइटीआर की स्क्रूटनी के मामलों में लगातार कमी आ रही है। इससे करदाताओं को होने वाली परेशानी भी घटी है। वित्त मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक पिछले चार वर्षो से आइटीआर के स्क्रूटनी मामलों में लगातार कमी हो रही है। मंत्रालय के मुताबिक मूल्यांकन वर्ष 2015-16 में जितने आइटीआर भरे गए, उनमें से 0.71 फीसद रिटर्न की स्क्रूटनी की गई।
मूल्यांकन वर्ष 2016-17 में यह संख्या गिरकर 0.40 फीसद रह गई। मूल्यांकन वर्ष 2017-18 में यह संख्या कुल आइटीआर की 0.55 फीसद तो मूल्यांकन वर्ष 2018-19 में सिर्फ 0.25 फीसद रह गई। इसका मतलब यह है कि मूल्यांकन वर्ष 2018-19 में आयकर विभाग ने प्रति 10,000 आइटीआर में से सिर्फ 25 को स्क्रूटनी के लिए चुना।
IT Dept is changing-from just enforcement to facilitating better taxpayer services. In continuation of the same,the no. of cases selected for scrutiny has reduced drastically over the years.
Diagram below reflects the average overall percentage of scrutiny.(1/n)#EaseOfCompliance pic.twitter.com/SBIRfUwOvf— Ministry of Finance (@FinMinIndia) August 4, 2020
वित्त मंत्रालय के ट्वीट के मुताबिक सभी राज्यों में इस प्रकार की कमी आई है। मंत्रालय के मुताबिक उत्तर प्रदेश में मूल्यांकन वर्ष 2018-19 में 54,94,824 आइटीआर भरे गए। इनमें से सिर्फ 0.13 फीसद आइटीआर की औचक जांच की गई। मंत्रालय के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 6,77,48315 पैन कार्ड जारी किए जा चुके हैं।