Budget 2023: महंगाई और चुनाव को देखते हुए विशेषज्ञों को टैक्स में राहत की उम्मीद, छूट सीमा में बढ़ोतरी के आसार
दो साल पहले जरूर वित्त मंत्री की तरफ से नए टैक्स प्रारूप की घोषणा की गई लेकिन प्रारूप में टैक्स के कई स्लैब होने एवं 80सी के तहत मिलने वाली छूट जैसी कोई सुविधा नहीं होने से टैक्सपेयर्स को यह प्रारूप कहीं से आकर्षक नहीं लगा। (जागरण-फोटो)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। महंगाई और चुनाव को देखते हुए अर्थशास्त्री व टैक्स विशेषज्ञ आगामी बजट में इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद कर रहे हैं। इनकम टैक्स से सबसे अधिक प्रभावित वेतनभोगी वर्ग व मध्य वर्ग होता है। लेकिन कई सालों से इनकम टैक्स की छूट सीमा और 80 सी के तहत मिलने वाली छूट सीमा नहीं बढ़ाई गई है। वित्त वर्ष 2014-15 में 80सी के तहत छूट की सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर दिया गया था जो अब तक चल रहा है।
10 फीसद टैक्सपेयर्स ने भी नए स्लैब में नहीं दिखाई रूचि
दो साल पहले जरूर वित्त मंत्री की तरफ से नए टैक्स प्रारूप की घोषणा की गई, लेकिन प्रारूप में टैक्स के कई स्लैब होने एवं 80सी के तहत मिलने वाली छूट जैसी कोई सुविधा नहीं होने से टैक्सपेयर्स को यह प्रारूप कहीं से आकर्षक नहीं लगा। यही वजह है कि मूल्यांकन वर्ष 2022-23 में 7.3 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने रिटर्न फाइल की, लेकिन 10 फीसद टैक्सपेयर्स ने भी नए स्लैब में रूचि नहीं दिखाई।
बैंक ऑफ बड़ौदा कै मुख्य अर्थशास्त्री ने दी जानकारी
आगामी एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए संसद में बजट पेश किया जाएगा। बैंक ऑफ बड़ौदा कै मुख्य अर्थशास्त्री मदन सब्नवीस कहते हैं, 'वर्ष 2024 में केंद्रीय चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस बार के बजट में मध्य वर्ग के लिए टैक्स में राहत तो गरीब को दी जाने वाली प्रत्यक्ष सहायता में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा सकती है।' उन्होंने बताया कि नए टैक्स प्रारूप में बदलाव के साथ सरकार पुराने टैक्स प्रारूप में इनकम टैक्स छूट सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर सकती है।
कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स के मुताबिक 80सी के तहत 2.19 लाख रुपए की छूट होनी चाहिए
मदन सब्नवीस ने कहा कि हर साल बढ़ने वाली महंगाई व हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि वह भी मध्यम वर्ग से आती है, जैसी बातों को ध्यान में रखते हुए बजट में इनकम टैक्स में कुछ राहत मिल सकती है।
फाइनेंशियल प्लानिंग फर्म हम फौजी इनिशिएटिव के सीईओ कर्नल संजीव गोविला कहते हैं, 'वित्त वर्ष 2014-15 में जब 80सी की छूट सीमा को बढ़ाकर एक लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख की गई थी तब लागत महंगाई सूचकांक (कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स) 240 था। वर्तमान में छह फीसद की दर से महंगाई को ध्यान में रखते हुए कॉस्ट इनफ्लेशन इंडेक्स 351 होता है और इस हिसाब से 80सी के तहत 2.19 लाख तक की छूट मिलनी चाहिए।'
टैक्स परामर्श फर्म टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी ने बताया
टैक्स परामर्श फर्म टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी विवेक जालान ने बताया कि सरकार ने कारपोरेट टैक्स में तो छूट दे दी, लेकिन पर्सनल टैक्स में सालों से कोई राहत नहीं दी गई। 2.5 लाख तक की छूट सीमा को तीन लाख तक की जा सकती है। कुछ विशेषज्ञों ने बताया कि दो साल पहले जो नए टैक्स प्रारूप की घोषणा की गई थी उनमें कई टैक्स स्लैब है जिसे कम किया जा सकता है ताकि वेतनभोगी वर्ग उसे अपनाते हैं तो उन्हें कुछ लाभ दिखे।
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