वीडियोकॉन लोन मामलाः चंदा कोचर के पति दीपक के खिलाफ CBI ने शुरू की जांच
सीबीआई ने दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और अन्य के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आईसीआईसीआई बैंक की एमडी व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई ने दीपक कोचर, वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत और अन्य के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है। इसमें फिलहाल चंदा कोचर का नाम शामिल नहीं है।
धोखाधड़ी के मामले में साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया प्रारंभिक जांच (पीई) से ही शुरू की जाती है। अगर पीई में जांच के लिए कोई ठोस आधार मिलता है तो पीई को एफआईआर में तब्दील कर दिया जाता है।सीबीआई इस बात की जांच करेगी कि क्या वेणुगोपाल धूत ने लोन मिलने के बाद दीपक कोचर को फायदा पहुंचाया था।
वीडियोकॉन समूह को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक ने 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया था। नोडल ऑफिसर के बयान दर्जसीबीआई ने शनिवार को इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक के नोडल ऑफिसर के बयान दर्ज किए। एजेंसी को लोन देने के इस मामले में नोडल ऑफिसर की संलिप्तता का शक है। इसके अलावा सीबीआई कुछ दस्तावेजों की जांच भी कर रही है।
सीबीआई अधिकारियों ने बताया, अगर इन दस्तावेजों में कुछ भी गलत पाया गया तो एजेंसी बैंककी सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और अन्य को भी विस्तृत पूछताछ के लिए बुला सकती है।
बैंक ने की कर्ज मंजूरी प्रक्रिया की समीक्षा -
आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन एमके शर्मा ने वीडियोकॉन समूह को दिए लोन को लेकर आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि बैंक ने कर्ज मंजूरी की अपनी आंतरिक प्रक्रिया की समीक्षा की और उसे मजबूत पाया। बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि विभिन्न अफवाहों में लगाए गए आरोपों जैसी कोई गड़बड़ी, भाई-भतीजावाद या हितों का टकराव नहीं है।
यह है मामला -
दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक की एमडी व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई थी। इसके बाद कंपनी को 64 करोड़ रुपए का लोन दिया गया। लोन देने वाली कंपनी वेणुगोपाल धूत की थी। बाद में इस कंपनी का मालिकाना हक महज नौ लाख रुपए में उस ट्रस्ट को सौंप दिया गया जिसकी कमान चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के हाथों में थी।
दीपक कोचर को इस कंपनी का ट्रांसफर वेणुगोपाल द्वारा आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से 2012 में वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपए का लोन मिलने के छह महीने के बाद किया गया। इस लोन का करीब 86 फीसदी (2,810 करोड़ रुपए) चुकाया नहीं गया। 2017 में वीडियोकॉन समूह के लोन को बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया।
अब जांच एजेंसी धूत-कोचर-आईसीआईसीआई के बीच लेनदेन की जांच कर रही है। वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक का यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपए के लोन का एक हिस्सा था जिसे वीडियोकॉन समूह ने स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले 20 बैंकों के कंसोर्टियम से लिया था।