Banking Scam: नीरव की छह देशों में संपत्ति की जांच में जुटा ED
केंद्रीय जांच एजेंसी ने पीएमएलए के तहत गठित विशेष अदालत में सोमवार को अर्जी दायर की
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। यहां की विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अर्जी मंजूर कर ली। जांच एजेंसी ने अदालत से 11000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के विदेशी कारोबार और संपत्ति का पता लगाने के लिए छह देशों को अनुरोध पत्र (लेटर रेगोटरी-एलआर) जारी करने की मांग की थी। ईडी एवं अन्य एजेंसियां पीएनबी घोटाले की जांच में जुटी हैं।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गठित विशेष अदालत में सोमवार को अर्जी दायर की। ईडी ने अदालत से एलआर जारी करने की मांग की। न्यायाधीश एमएस आजमी ने विशेष लोक अभियोजक हीतेन वेनेगांवकर की दलील सुनने के बाद ईडी की अर्जी मंजूर कर ली।
ईडी ने अदालत को सौंपी गई अपनी अर्जी में पीएमएलए के तहत एलआर जारी करने की मांग की थी। आपराधिक प्राप्ति को हासिल या जब्त करने के लिए एलआर जारी करने का अनुरोध किया गया है। जिन देशों को एलआर जारी किया जाना है उनमें हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर शामिल हैं। इन देशों में जांच की जरूरत है। अनुरोध पत्र किसी दूसरे देश की अदालत से औपचारिक आग्रह किया जाना है। यह मामले में न्यायिक सहायता के लिए भेजा जाता है।
ईडी ने अदालत को बताया कि नीरव मोदी ने डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट, स्टेलर डायमंड, फायरस्टार डायमंड सहित विभिन्न फर्म स्थापित कर रखे हैं। वह एक ऐसा हीरा निर्माता बन चुका है जो बेडौल हीरा मंगाता है और उसे तराशता है। अन्य बेशकीमती पत्थरों को भी तराशने का काम कराता है और आभूषण भी तैयार करता है।
ईडी ने अदालत को बताया, "उसने अपना कारोबार हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर में फैला लिया है। अपने फर्म और कंपनियों के लिए उसने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग जारी करा लिया था। इसी आधार पर पीएनबी से रुपये की निकासी हुई थी। बाद में इसमें फर्जीवाड़ा पाया गया।"