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अगले वित्त वर्ष से घट सकती है कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी, लागू होने वाला है यह नया नियम

New Wage Rule वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए दो महत्वपूर्ण खबरें हैं। एक अच्छी और एक बुरी। अच्छी खबर यह कि अगले वित्त वर्ष से कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में अधिक राशि जमा होने लगेगी जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद एक बड़ी राशि प्राप्त होगी।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 05:46 PM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 11:00 AM (IST)
अगले वित्त वर्ष से घट सकती है कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी, लागू होने वाला है यह नया नियम
भारतीय रुपये के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Jagran

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए दो महत्वपूर्ण खबरें हैं। एक अच्छी और एक बुरी। अच्छी खबर यह कि अगले वित्त वर्ष से कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में अधिक राशि जमा होने लगेगी, जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद एक बड़ी राशि प्राप्त होगी। दूसरी बुरी खबर यह है कि इससे उन्हें इन-हैंड मिलने वाला वेतन कम हो सकता है। दरअसल, सरकार ने पिछले साल संसद में वेज कोड (Wage Code) पास करवाया था। यह अगले वित्त वर्ष से लागू हो जाएगा।

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इस वेज कोड के लागू होने का सीधा असर निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि इस वेज कोड में क्या खास है। नए वेज कोड के अनुसार, कर्मचारियों को मिलने वाले सभी तरह के भत्ते कुल वेतन या सीटीसी के 50 फीसद से अधिक नहीं हो सकते हैं। इसका मतलब है कि कर्चमारियों के कुल वेतन या सीटीसी का 50 फीसद बेसिक सैलरी होगी।

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अभी अधिकांश कंपनियां कर्मचारियों की कुल सीटीसी में एक बड़ा हिस्सा भत्तों का रखती हैं और बेसिक सैलरी को कम रखती हैं। नए वेज कोड का पालन करने के लिए कंपनियों को कर्मचारियों की कुल सैलरी में बेसिक वेतन को बढ़ाना होगा और भत्तों को 50 फीसद तक सीमित रखना होगा। इसका सीधा असर यह होगा कि कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में जाने वाली राशि बढ़ जाएगी।

वहीं, कर्मचारियों को मिलने वाली इन-हैंड सैलरी या टेक-होम सैलरी घट जाएगी। इस नए नियम से भले ही कर्मचारियों को इन-हैंड सैलरी कम मिले, लेकिन उनके रिटायरमेंट बेनिफिट्स बढ़ जाएंगे और उन्हें एक बेहतर सामाजिक सुरक्षा मिल पाएगी।

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