बजट से उम्मीदें: डिजिटल इंडिया को बजट 2018 में चाहिए ज्यादा पैसा
वित्त मंत्रालय के साथ बजट आवंटन को लेकर हुई बैठक में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल अभियान की गति बढ़ाने के लिए अधिक धनराशि की मांग की है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। डिजिटल इंडिया के अभियान की रफ्तार तेज करने के लिए सरकार आगामी बजट में इस पर खास तवज्जो दे सकती है। डिजिटल पेमेंट को लेकर उठाए जा रहे कदमों और साइबर सुरक्षा पुख्ता करने के लिए संसाधनों की आवश्यकता को देखते हुए इस बार इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी के बजटीय आवंटन में खासी वृद्धि हो सकती है।
वित्त मंत्रालय के साथ बजट आवंटन को लेकर हुई बैठक में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिटल अभियान की गति बढ़ाने के लिए अधिक धनराशि की मांग की है। साथ ही देश में साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे उपायों को भी मंत्रालय ने संसाधनों के लिहाज से अहम बताया है। चालू वित्त वर्ष के बजट में मंत्रालय को 4039 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था। हालांकि मंत्रालय ने 4034 करोड़ रुपये की राशि की मांग रखी थी। 2016-17 में मंत्रालय को 3200 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था।
इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिक आवंटन को लेकर संसद की स्थायी समिति ने मंत्रालय की तरफ से आवंटित राशि के खर्च को लेकर भी टिप्पणी की है। समिति का मानना है कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने जैसे सरकार के कार्यक्रम के लिए पर्याप्त बजटीय संसाधनों की आवश्यकता है। समिति का मानना है कि इस दिशा में मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यक्रम धनराशि की कमी की वजह से प्रभावित नहीं होने चाहिए। समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि बढ़े हुए आवंटन का मंत्रालय द्वारा तैयार योजना के अनुसार व्यय किया जाए।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को सरकार का एक अम्ब्रैला प्रोग्राम बताया है। लेकिन मंत्रालय की तरफ से होने वाले वास्तविक व्यय में हर साल कमी आई है। चालू वित्त वर्ष में इस मद में 1498.55 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया था लेकिन मंत्रालय ने 1672.76 करोड़ रुपये आवंटित किये। समिति ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय पर भी टिप्पणी की है। समिति का मानना है कि वित्त मंत्रालय आइटी मंत्रालय की प्रस्तावित निधियों की आवश्यकता पर गंभीर नहीं रहा।