ट्रेड वॉर से चीन का हो रहा बुरा हाल, दशकों बाद आई ऐसी मंदी, IMF ने गिराया GDP का पुर्वानुमान
IMF ने इस साल के लिए China की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाकर 6.2 फीसद कर दिया है। मौजूदा हालात को देखते हुए इस पुर्वानुमान के और कम होने की संभावना है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। यूएस-चाइना ट्रेड वार से चीन की अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है। इसकी पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप दोनों ने की है। न्यूज एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, शुक्रवार को IMF ने कहा कि अगर ट्रंप टैरिफ को और बढ़ा देते हैं, तो चीन की GDP में तेज गिरावट देखी जा सकती है। इसके साथ ही आइएमएफ ने इस साल के लिए चीन की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाकर 6.2 फीसद कर दिया है। वहीं, डॉनाल्ड ट्रंप चीन को टैरिफ के बोझ से राहत देने के मूड में कतई नहीं लग रहे हैं। शनिवार को ट्रंप ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था इस समय पिछले कई दशकों के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन व्यापार समझोता करना चाहता है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि वह व्यापार समझौते के लिए तैयार नहीं है।
आईएमएफ की रिपोर्ट में इस साल के लिए लगाया गया चीन की आर्थिक वृद्धि दर का पुर्वानुमान और कम हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि, यह रिपोर्ट ट्रंप द्वारा चीन के 300 अरब डॉलर के उत्पादों पर 10 फीसद अतिरिक्ट टैरिफ लगाने की घोषणा से पहले तैयार की गई थी। इसके अलावा चीन के बाकी आयात पर भी अगर 25 फीसद अतिरिक्त टैरिफ लगता है, तो यह पुर्वानुमान और कम हो सकता है। आईएमएफ ने भी कहा है कि जैसे-जैसे ट्रेड वॉर बढ़ेगा वैसे ही चीन की आर्थिक वृद्धि दर कम होती जाएगी।
आर्ईएमएफ ने कहा कि यूएस-चाइना ट्रेड वॉर का असर वैश्विक स्तर पर भी देखने को मिल सकता है। उसने दोनों देशों से इस तनाव को जल्द कम करने की अपील की है। हालांकि, ट्रंप इस व्यापारिक तनाव को सुलझाने के मूड में दिखते नजर नहीं आ रहे हैं। डॉनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा, 'चीन समझौता करना चाहता है। यह कई दशकों में उनकी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बुरा साल है। यह और बुरा होने वाला है। हजारों कंपनियां चीन को छोड़ रही हैं। वे समझौता करना चाहते हैं। मैं समझौते के लिए तैयार नहीं हूं।'
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप