इस साल बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार: IMF
कच्चे तेल की कीमत घटने और मौद्रिक नीति में सख्ती कम होने से भारत की विकास दर अच्छी रहेगी।
नई दील्ली (बिजनेस डेस्क)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने कहा है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर न सिर्फ तेज रहेगी, बल्कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच रफ्तार का अंतर एक फीसद से ज्यादा रहेगा। आइएमएफ का अनुमान है कि वर्ष 2019 और 2020 में भारत की विकास दर क्रमश: 7.5 फीसद व 7.7 फीसद रहेगी। चीन की रफ्तार दोनों वर्षो में महज 6.2 फीसद रहेगी। कच्चे तेल की कीमत घटने और मौद्रिक नीति में सख्ती कम होने से भारत की विकास दर अच्छी रहेगी।
आइएमएफ ने वल्र्ड इकोनॉमी आउटलुक के जनवरी अपडेट में कहा कि भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था में सबसे तेज बना रहेगी। भारत की विकास दर 2019 में सुधरेगी क्योंकि कच्चा तेल सस्ता हो रहा है और महंगाई घटने से मौद्रिक सख्ती कम होगी। वित्तीय नियमन में आवश्यक सख्ती व अमेरिका के साथ कारोबारी तनाव के असर से चीन की विकास दर धीमी पड़ेगी। आइएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार उभरते और विकासशील एशिया की विकास दर घटकर 2019 में 6.3 फीसद और 2020 में 6.4 फीसद रह जाएगी। 2018 में यह रफ्तार 6.5 फीसद रही थी। आइएमएफ के अनुसार चीन की विकास दर 2017 में 6.9 फीसद थी। भारत की विकास दर 6.7 फीसद रही थी।
वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और कारोबारी तनावों के बीच दुनिया भारत को चुनिंदा चमकते सितारे की तरह देख रही है। निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी स्पाइसजेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय सिंह ने कहा है कि भारत बदलती दुनिया में चीन का विकल्प पेश करने के लिए बेहतरीन स्थिति में है।
स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) का पांच दिनों का आयोजन सोमवार से शुरू हुआ है। आयोजन में आए सिंह ने विश्वास के साथ कहा कि केंद्र में सरकार भले ही किसी की भी हो, आर्थिक नीतियों के मामले में विभिन्न पक्षों का एकमत होना भारत को मिलने वाले सबसे बड़े लाभों में एक है। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दोबारा सत्ता में लौटने की उम्मीद जताई और कहा कि मोदी द्वारा उठाए गए कई कदम अभूतपूर्व और अतुलनीय रहे हैं। सिंह ने कहा कि डब्ल्यूईएफ की बैठक में दुनियाभर के नेताओं के लिए उनका संदेश बेहद स्पष्ट है। वह यह कि भारत विकास और सुधार के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘बहुत से लोग भविष्य में भारत को चीन के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं, ताकि आर्थिक शक्ति के मामले में दुनिया चीन नियंत्रित नहीं रह जाए। बहुत से संकेत भारत के लिए बेहतर हैं और यह हमारे ऊपर है कि हम मौजूदा परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाएं।’
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की तस्वीर बहुत अच्छी नहीं होने के बावजूद फिलहाल आर्थिक मंदी के कोई संकेत नहीं हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक के पहले ही दिन आइएमएफ ने वैश्विक विकास दर अनुमान घटाकर इस वर्ष के लिए 3.5 और अगले वर्ष के लिए 3.6 फीसद कर दिया। डब्ल्यूईएफ द्वारा जारी एक सर्वे के मुताबिक भारत अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मदद के लिए सबसे बड़ा समर्थक बनकर उभरा है।