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ITR फाइलिंग: आपका टैक्स ड्यू 10,000 से ज्यादा हो तो क्या करें, जानिए

अगर आप नौकरीपेशा नहीं हैं और किराए के घर में रहते हैं तो आप अपने हाउस की रेंट रिसीप्ट के जरिए 60,000 रुपए तक की टैक्स कटौती क्लेम कर सकते हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 04:17 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jan 2018 06:02 PM (IST)
ITR फाइलिंग: आपका टैक्स ड्यू 10,000 से ज्यादा हो तो क्या करें, जानिए
ITR फाइलिंग: आपका टैक्स ड्यू 10,000 से ज्यादा हो तो क्या करें, जानिए

नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। आईटीआर फाइलिंग को अब कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में अगर इस आकलन (2018-19) वर्ष के लिए आपकी टैक्स देनदारी (टैक्स ड्यू) या बकाया देनदारी 10,000 रुपए से ज्यादा की बैठ रही है तो आपको सावधान होने की जरूरत है। अगर आप जानना चाहते हैं कि इस सूरत में क्या करना बेहतर रहेगा तो यह खबर आपके काम की है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आईटीआर फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है। हमने इस बारे में ई-मुंशी (emunshe. Com) के टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता से बात की है। जानिए इस सूरत में आप अपने टैक्स ड्यू को कैसे कम कर सकते हैं।

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सबसे पहले समझिए टैक्स ड्यू 10,000 से ज्यादा होने का मतलब और इसका असर?

सबसे पहली बात यह कि अगर आपकी टैक्स देनदारी 10,000 रुपए से ज्यादा की बैठ रही है तो आपको एडवांस टैक्स देना होगा। अगर आप इसका भुगतान नहीं करते हैं तो आपको आयकर की धारा 234B और 234C के तहत ब्याज का भी भुगतान करना होगा। इसलिए बेहतर होगा कि आप एडवांस टैक्स का भुगतान कर दें।

अब जानिए आप अपनी कर देयता को कैसे करें कम?

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में करें निवेश: आप नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश कर अपनी कर देयता को थोड़ा कम कर सकते हैं। आयकर की दो धाराओं के अंतर्गत इसमें किए गए निवेश को टैक्स कटौती के लिए क्लेम किया जा सकता है।

  • 80CCD: 1,50,000 रुपए तक की टैक्स कटौती क्लेम कर सकते हैं।
  • 80CCD(1B): 50,000 रुपए की अतिरिक्त कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं।

हाउस रेंट भी टैक्स ड्यू कम करने में मददगार: अगर आप नौकरीपेशा नहीं हैं और किराए के घर में रहते हैं तो आप अपने हाउस की रेंट रिसीप्ट के जरिए 60,000 रुपए तक की टैक्स कटौती क्लेम कर सकते हैं।

विशिष्ट बीमारियों के लिए भी मिलती है छूट: अगर करदाता के ऊपर विशिष्ट बीमारियों वाला कोई व्यक्ति निर्भर है तो भी वह इसके एवज में कर कटौती का दावा कर सकता है। इसका फायदा 60DDB के अंतर्गत लिया जा सकता है। इसमें आश्रित को कुछ गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होती हैं जैसे कि डाइमेंशिया। इसके अलावा मैलिगनेंट कैंसर,फुल ब्राउन एड्स और हीमोफीलिया जैसी बीमारियां भी इसमें कवर होती हैं।

इसके तहत किए जाने वाले टैक्स क्लेम को तीन श्रेणियों में बांटा गया है..

  • 40,000 तक: सामान्य नागरिकों के लिए
  • 60,000 तक: 60 से 80 की उम्र के सीनियर सिटीजन
  • 80,000 तक: अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए (80 से ऊपर)

मेडिक्लेम से भी मिलता है फायदा: मान लीजिए आपकी टैक्स देयता 60,000 है और आपको 10,000 रुपए का मेडिक्लेम मिला है तो आपकी यह राशि कम कर दी जाएगी। यानी अब आपकी कर देयता सिर्फ 50,000 रुपए ही होगी। मेडिक्लेम का दावा 80D के अंतर्गत किया जाता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि 80D के अंतर्गत केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं भी आती हैं।


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