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Income Tax Refund मिलने में हो रही देरी, जानिए क्‍या हो सकती है इसकी वजह

आयकर विभाग ने टैक्स रिफंड प्राप्त करने के लिए बैंक अकाउंट को टैक्स अकाउंट से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। बैंक अकाउंट अगर इनकम टैक्स अकाउंट से लिंक नहीं है तो नहीं मिलेगा रिफंड।

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 03:21 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 03:38 PM (IST)
Income Tax Refund मिलने में हो रही देरी, जानिए क्‍या हो सकती है इसकी वजह
Income Tax Refund मिलने में हो रही देरी, जानिए क्‍या हो सकती है इसकी वजह

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद कई बार रिफंड मिलने में काफी देरी हो जाती है। इस दौरान आपको काफी टेंशन होती है कि आखिर आपका रिफंड कहां फंस गया है। आप कई बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से संपर्क करते हैं तो बताया जाता है कि आपका रिफंड प्रोसेस में है। इन परिस्थितियों में आपको पता ही नहीं चल पाता है कि आपका Income Tax Refund किस लेवल पर फंसा है। कर एवं निवेश मामलों के विशेषज्ञ बलवंत जैन बताते हैं कि विभिन्न कारणों से इनकम टैक्स रिफंड आने में देरी हो सकती है।

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अकाउंट वैलिडेटेड नहीं होने पर नहीं आएगा रिफंड

हाल ही में आयकर विभाग ने टैक्स रिफंड प्राप्त करने के लिए बैंक अकाउंट को टैक्स अकाउंट से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। इसलिए सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आपका टैक्स अकाउंट आपके बैंक अकाउंट से लिंक है या नहीं। अगर ऐसा नहीं है तो आपको इन दोनों अकाउंट को लिंक करना होगा।

ऐसे कर सकते हैं बैंक अकाउंट को टैक्स अकाउंट से लिंक

  • सबसे पहले अपने टैक्स अकाउंट में लॉग-इन करें।
  • इसके बाद 'प्रोफाइल सेटिंग्स' खोलें।
  • 'प्री-वैलिडेट योर बैंक अकाउंट' पर जाएं।
  • अब अपना बैंक खाता संख्या, आईएफएससी कोड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी इंटर करें।

इसके बाद आयकर विभाग बैंक खाते में दर्ज नाम, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर जैसे आंकड़ों का मिलान अपने डेटाबेस से करता है। विभाग दी गयी जानकारी की पुष्टि के बाद दोनों अकाउंट को लिंक करता है।

डेटा मैच नहीं करने पर होती है दिक्कत

बैंक अकाउंट या टैक्स अकाउंट में से किसी एक में भी अगर डेटा के मिलान में दिक्कत आती है तो आपकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। ऐसे मामलों में आपको या तो बैंक या आयकर विभाग में से किसी एक में अपने आंकड़े को दुरुस्त कराना होगा।

Form 26AS एवं रिटर्न के डेटा का मिलान नहीं होने पर भी रिफंड में देरी

जैन ने बताया कि कई बार आपके द्वारा भरे गए रिटर्न एवं फॉर्म 26एएस का डेटा मैच नहीं करता है। इस वजह से भी आपको रिटर्न मिलने में देरी होती है। म्युचुअल फंड इंवेस्टमेंट या एफडी पर मिलने वाले ब्याज की जानकारी को लेकर डेटा में मिसमैच से अक्सर ऐसा देखने को मिलता है। 


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