Move to Jagran APP

सुधारवादी कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में भी जारी रह सकती है निर्यात में गिरावट

जून महीने में Export 9 महीने के निचले स्तर पर आने के बाद निकट भविष्य में भी निर्यात में अपेक्षित सुधार की संभावना नहीं के बराबर दिख रही है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 22 Jul 2019 10:42 AM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2019 10:42 AM (IST)
सुधारवादी कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में भी जारी रह सकती है निर्यात में गिरावट
सुधारवादी कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में भी जारी रह सकती है निर्यात में गिरावट
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जून में निर्यात नौ महीने के निचले स्तर पर आने के बाद अब निकट भविष्य में भी निर्यात में अपेक्षित सुधार की संभावना नहीं के बराबर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिकूल स्थितियों और घरेलू मोर्चे पर कर्ज की कमी व अधिक लागत जैसे मसले निर्यातकों के लिए अभी भी परेशानी का सबब बने हुए हैं। निर्यातकों का मानना है कि जब तक घरेलू स्तर पर कर्ज की समस्या का हल नहीं निकलता तब तक निर्यात को संभालना मुश्किल होगा।

बीते नौ महीने से निर्यात वृद्धि की दर सकारात्मक बनी हुई थी। लेकिन जून में इसमें 9.01 फीसद की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस अवधि में निर्यात की जाने वाली 30 प्रमुख उत्पाद श्रेणियों में से केवल नौ में ही वृद्धि दर्ज की गई। परेशानी की बात यह है कि श्रम आधारित उद्योगों से होने वाले निर्यात में भी कमी आ रही है। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के प्रेसिडेंट शरद कुमार सराफ के मुताबिक घरेलू स्तर पर निर्यातकों के समक्ष आ रही परेशानियों को तुरंत हल करना आवश्यक है। इसमें निर्यातकों को कर्ज मिलने में हो रही दिक्कत, कर्ज की अधिक लागत और जीएसटी के रिफंड पर ध्यान देना प्रमुख हैं।

वैश्विक बाजार में अमेरिका और चीन के बीच चल रहा कारोबारी तनाव तो मुश्किल बढ़ा ही रहा है। ईरान और अमेरिका के बीच बने नए राजनीतिक तनाव ने भी अंतरराष्ट्रीय बाजार को प्रभावित किया है। इससे उत्पन्न अनिश्चितता की स्थिति ने निर्यातकों को काफी हद तक प्रभावित किया है। इस अनिश्चितता का असर न केवल निवेश पर पड़ रहा है बल्कि मुद्रा में हो रहा उतार-चढ़ाव भी निर्यातकों के लिए मुश्किल बना हुआ है।

निर्यात की धीमी रफ्तार को देखते हुए फियो ने पहले भी सरकार को कई सुझाव दिए हैं, जिनसे निर्यात में वृद्धि की जा सकती है। फियो का मानना है कि कृषि उत्पादों का निर्यात करने वाले निर्यातकों को ब्याज पर मिलने वाली छूट और घरेलू स्तर पर विदेशी पर्यटकों को बेचे जाने वाले उत्पादों की बिक्री को निर्यात मानने जैसे प्रस्तावों पर भी सरकार को तुरंत कदम उठाना होगा। इसके अलावा फियो ने पर्यटकों को हवाई अड्डों पर जीएसटी के रिफंड की सुविधा शुरू करने के काम में तेजी लाने का सुझाव भी दिया है। इससे विदेशी पर्यटकों को अधिक से अधिक उत्पाद खरीदने को प्रोत्साहन मिलेगा। इन उपायों से निर्यात में थोड़ी तेजी लाई जा सकती है।

CII ने की 31 वस्तुओं की पहचान
उद्योग जगत की संस्था सीआइआइ ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 31 उत्पादों की पहचान की है। इनमें महिलाओं के परिधान, दवाएं व अन्य वस्तुएं शामिल हैं। जून में निर्यात में बड़ी गिरावट को देखते हुए सीआइआइ ने उन उपायों की पहचान शुरू की है, जिनसे निर्यात को बढ़ावा दिया जा सकता है। सीआइआइ ने सरकार को यह भी सुझाया है कि मार्केटिंग और प्रमोशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मार्केटिंग केंद्र स्थापित करे। सीआइआइ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौता, वैश्विक आपूर्ति तंत्र में बदलाव और तेजी से बदलते वैश्विक कारोबारी गणित के मौजूदा माहौल में निर्यात के लिए ठोस रणनीति की बेहद जरूरत है। बनर्जी ने कहा कि हमने उन उत्पादों की पहचान की है, जिससे निर्यात को बढ़ाया जा सके।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.