"मैं अगर मंत्री नहीं होता, तो Air India के लिए लगाता बोली" -पीयूष गोयल
उन्होंने कहा कि इस एयरलाइन का बाइलैटरल सर्विस एग्रीमेंट काफी अच्छा है और अगर इसके प्रबंधन को अधिक कुशल बनाने के साथ नए एयरक्राफ्ट शामिल किये जाएं तो यह सोने की खान बन सकती है।
दावोस, पीटीआइ। पीयूष गोयल ने कहा है कि अगर वे मंत्री नहीं होते, तो एयर इंडिया के लिए बोली लगाते। रेल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के 'स्ट्रैटिजीक आउटलुक इंडिया' सत्र में यह बात कही। इस सत्र में गोयल से बीपीसीएल, एयर इंडिया और दूसरे पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों के डिसइन्वेस्टमेंट के बारे में सवाल पूछे गए थे। इस सत्र में गोयल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के सत्ता में आने से पहले अर्थव्यवस्था की हालत बेहद बुरी थी।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद हमने अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई प्रयास किये और उसे पटरी पर भी लेकर आए। गोयल ने यहां एयर इंडिया के बारे में कहा कि यह सोने की खान बन सकती है। उन्होंने एयर इंडिया के डिसइन्वेस्टमेंट पर कहा, 'यदि में मंत्री नहीं होता, तो एयर इंडिया के लिए बोली लगाता।'
उन्होंने कहा कि इस एयरलाइन का बाइलैटरल सर्विस एग्रीमेंट काफी अच्छा है और अगर इसके प्रबंधन को अधिक कुशल बनाने के साथ नए एयरक्राफ्ट शामिल किये जाएं, तो यह सोने की खान बन सकती है। सूत्रों के अनुसार, एयर इंडिया के डिसइन्वेस्टमेंट के प्रोसेस में तेजी आई है।
गौरतलब है कि एयर बाइलैटरल सर्विस एग्रीमेंट में दो देशों के बीच समझौता होता है, जिसके तहत दोनों देश एक-दूसरे की एयरलाइन्स को तय सीट संख्या के साथ उड़ान की अनुमति देते हैं।
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सत्र को संबोधित करते हुए गोयल ने यह भी कहा कि भारत में अर्थव्यवस्था फिर से तेजी से आगे बढ़ने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि निवेशक भारत में निवेश करने को लेकर खासे उत्साहित हैं।