निर्यात बढ़ाने वाले क्षेत्रों की पहचान करे उद्योग जगत, ग्रामीण, दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों में रहे फोकस: गडकरी
गडकरी ने सीआईआई से आग्रह किया कि वह इस बात की पहचान करे कि भारत में किस तरह का आयात किया जाता है और इन्हें स्थानीय उत्पादों से कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है। PC ANI
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को उद्योग जगत से आग्रह किया कि आत्मनिर्भर भारत के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए वे निर्यात की संभावनाओं की पहचान करें। केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग समेत एमएसएमई मंत्री गडकरी उद्योग संगठन सीआइआइ द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'इंडिया ऐट 75 समिट - मिशन 2022' को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश को विश्व शक्ति बनाने के लिये आयात होने वाले सामानों का स्वदेशी विकल्प तलाशने का भी आह्वान किया।
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गडकरी का कहना था कि तीन वर्षो के निर्यात और आयात के आंकड़ों के आधार पर किए जा रहे अध्ययन से पता चला है कि चीन का 70 प्रतिशत निर्यात 10 क्षेत्रों तक सिमटा है। इन क्षेत्रों में इलेक्टि्रकल मशीन व उपकरण भी शामिल है, जो चीन के कुल निर्यात में 671 अरब डॉलर यानी 26.09 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके अलावा कंप्यूटर समेत मशीनरी का निर्यात में 10.70 प्रतिशत यानी 417 अरब डॉलर का योगदान है।
गडकरी ने उद्योग से आग्रह किया कि वे ग्रामीण, दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों में उद्यमों का एक नेटवर्क बिछाने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, 'यह अफसोसजनक है कि उद्योग निकायों का 90 प्रतिशत ध्यान बड़े शहरों और महानगरों में प्रमुख उद्योगों पर है। ग्रामीण, आदिवासी और दूरदराज के क्षेत्रों पर शायद ही कोई ध्यान केंद्रित करता है। इसे बदलने की जरूरत है। देश को अगर महाशक्ति बनाना है तो सेक्टर आधारित विशिष्ट योजनाओं का निर्माण करना होगा।'
गडकरी ने सीआईआई से आग्रह किया कि वह इस बात की पहचान करे कि भारत में किस तरह का आयात किया जाता है और इन्हें स्थानीय उत्पादों से कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रयास में सरकार से हरसंभव सहयोग का भरोसा भी दिया। उन्होंने कहा कि सीआईआई को निर्यात को बढ़ावा देने और आयात घटाने के लिए क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए।