दूसरे सरकारी बैंकों में जाना चाहते हैं आइडीबीआइ बैंक के अधिकारी
जनवरी में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने आइडीबीआइ बैंक में 51 फीसद हिस्सेदारी अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आइडीबीआइ बैंक के अधिकारियों ने बैंक को निजी बैंक की श्रेणी में डाले जाने का विरोध किया है और मांग की है कि उन्हें किसी दूसरे सरकारी बैंकों में स्थानांतरित होने का विकल्प दिया जाए, जहां उन्हें वेतन और सेवा की सुरक्षा हासिल हो सके। ऑल इंडिया आइडीबीआइ ऑफीशर्स एसोसिएशन (एआइआइडीबीआइओए) के सचिव एवी विट्ठल कोटेश्वर राव ने एक पत्र में कहा है कि संगठन 30 मार्च को एक दिवसीय भूख हड़ताल करने का प्रस्ताव रखता है और यह मांग करता है कि सभी अधिकारियों को किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में स्थानांतरित होने का विकल्प दिया जाए, जहां वेतन और सेवा की सुरक्षा मिल सके।
यह पत्र बैंकिंग सचिव राजीव कुमार, क्षेत्रीय श्रम आयुक्त (केंद्र) और मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्र) को भेजा गया है। इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा आइडीबीआइ बैंक को निजी बैंक की श्रेणी में डाले जाने पर चिंता जताई गई है। संगठन ने मांग की है कि सरकार, आइडीबीआइ बैंक और उसके बीच एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएं और यह सुनिश्चित की जाए कि अधिकारियों के लिए वर्तमान में लागू सेवा शर्तो और कल्याणकारी कार्यक्रमों की सुरक्षा उनकी सेवानिवृत्ति के समय तक हो।
जनवरी में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने आइडीबीआइ बैंक में 51 फीसद हिस्सेदारी अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली। इसके बाद आरबीआइ ने इस बैंक को नियामकीय मामलों के लिए निजी बैंक की श्रेणी में डाल दिया, जो 21 जनवरी 2019 से लागू है। संगठन ने उसके और आइडीबीआइ बैंक के बीच एक द्विपक्षीय स्थानांतरण नीति पर भी हस्ताक्षर किए जाने की मांग की, ताकि अधिकारियों को स्थानांतरण की प्रक्रिया में दिक्कतों का सामना न करना पड़े।