क्रेडिट रिस्क फंडों के रिटर्न अैर एयूएम की बढ़ोत्तरी में रहा इस म्युचुअल फंड का जलवा
क्रेडिट रिस्क फंड न्यूनतम 65 फीसदी एए या इसके कम रेटिंग वाले बांडों में निवेश करता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय डेट म्युचुअल फंड खासकर क्रेडिट म्युचुअल फंडों में कुछ फंड हाउसों ने संकटों के बावजूद बेहतर रिटर्न दिया है। साथ ही क्रेडिट रिस्क फंड के रिटर्न और एयूएम वृद्धि के मामले में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्युचुअल फंड शीर्ष पर रहा है। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2018 में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल क्रेडिट रिस्क फंड का एयूएम (प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां) 11,355.72 करोड़ रुपये रहा है, जो नवंबर 2019 में 3.09 फीसदी बढ़कर 11,706 करोड़ रुपये हो गया।
हालांकि, इसी दौरान एसबीआई क्रेडिट रिस्क फंड का एयूएम 5,367 करोड़ रुपए से 4.81 फीसदी घटकर 5,109 करोड़ रुपये पर आ गया जबकि एचडीएफसी क्रेडिट रिस्क डेट फंड का एयूएम 17,169.86 करोड़ से 15.15 फीसदी घटकर 14,569 करोड़ रुपये पर आ गया। एक्सिस क्रेडिट रिस्क फंड का एयूएम 1,664 करोड़ से 21.85 फीसदी घटकर 1,300 करोड़ रुपये पर आ गया तो आदित्य बिड़ला सन लाइफ क्रेडिट रिस्क का एयूएम 7,895 करोड़ से 29.90 फीसदी घटकर 5,535 करोड़ रुपये पर आ गया। निप्पोन इंडिया क्रेडिट रिस्क का एयूएम 10,580 करोड़ से 47 फीसदी घटकर 5,604 करोड़ रुपये पर आ गया तो एलएंडटी क्रेडिट रिस्क का एयूएम भी 47.28 फीसदी गिरकर 1,980 करोड़ पर आ गया जो 3,756 करोड़ रुपये था। यूटीआई क्रेडिट रिस्क फंड का एयूएम 5,093 करोड़ रुपये से 68 फीसदी गिरकर 1,596 करोड़ रुपये पर आ गया।
इसी तरह रिटर्न की बात करें तो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल क्रेडिट रिस्क ने एक साल में 9.47 फीसदी और 2 साल में 7.75 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि आईडीएफसी क्रेडिट रिस्क फंड ने 9.16 और 6.62 फीसदी, कोटक क्रेडिट रिस्क फंड ने 9.04 और 7.27 फीसदी का रिटर्न दिया है। इसी दौरान एचडीएफसी क्रेडिट रिस्क डेट फंड ने 8.77 और 6.58 फीसदी तो एसबीआई क्रेडिट रिस्क फंड ने 6.54 और 5.99 फीसदी का रिटर्न दिया है। यूटीआई क्रेडिट रिस्क ने -4.53 फीसदी का घाटा और 0.02 फीसदी का लाभ दिया है।
दरअसल अगस्त 2017 में आईएलएंडएफएस का 4.5 अरब रुपये के डिफॉल्ट के बाद क्रेडिट रिस्क फंडों में संकट दिखा और कई सारे फंड हाउसों को इसका सामना करना पड़ा। क्रेडिट रिस्क फंड न्यूनतम 65 फीसदी एए या इसके कम रेटिंग वाले बांडों में निवेश करता है। इसलिए इसमें जोखिम ज्यादा होता है लेकिन इस तरह के बांड ज्यादा रिटर्न भी देने की संभावना रखते हैं। पिछले एक या दो साल में देखें तो कई सारे फंड हाउसों के क्रेडिट रिस्क फंडों के एनएवी की अच्छी खासी पिटाई हुई है। लेकिन जिन फंड हाउसों ने इसके बावजूद बेहतर रिटर्न और एयूएम में अच्छी खासी वृद्धि की, उसमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल शीर्ष पर रहा है।
चालू वित्तीय वर्ष में इस कैटेगरी का एयूएम 63,754 करोड़ रुपये रह गया है, जो अप्रैल 2019 में 79,643 करोड़ रुपये था। हालांकि, पिछले एक महीने में इस कैटेगरी में 1,899 करोड़ रुपये की राशि आई है जो उसके पहले के महीने की तुलना में 37.4 फीसदी की बढ़त है। आईएलएंडएफएस के अलावा डीएचएफएल और एस्सेल समूह भी डिफॉल्ट हुए जिसमें एचडीएफसी और कोटक म्युचुअल फंड का निवेश था। इस तरह की घटना के बाद सेबी ने साइड पॉकेटिंग की व्यवस्था की जिसके तहत फंड हाउसों को वर्तमान निवेशकों के हित में सुरक्षा करने की बात कही गई थी। हालांकि अभी तक इस व्यवस्था के तहत निप्पोन इंडिया, आदित्य बिड़ला सन लाइफ, टाटा म्युचुअल फंड और यूटीआई म्युचुअल फंड ने साइड पॉकेटिंग की है।
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के एमडी पंकज मठपाल कहते हैं कि पिछले एक साल में इस तरह के संकट की वजह से फंड हाउस दिक्कतों में हैं। लेकिन जिन फंड हाउसों ने बेहतर अनुशासन और ड्यू डिलिजेंस किया, उन फंड हाउसों ने संकट के बावजूद बेहतर रिटर्न निवेशकों को दिया और उनके एयूएम में वृद्धि देखी गई।