ICICI Bank: सोशल डिस्टेंसिंग के दौरान डिजिटल तरीके से बचाएं अपना टैक्स, जानिए क्या है तरीका
अगर आप अभी भी वित्त वर्ष 19 के लिए कर रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप अभी भी वित्त वर्ष 19 के लिए कर रिटर्न दाखिल करना चाहते हैं, तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ऐसा करने की अंतिम तिथि तीन महीने बढ़ा दी गई है। अगर आप पहले ही रिटर्न दाखिल कर चुके हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आप जिस भी समूह से भी हैं, आपके पास चालू वित्तीय वर्ष के लिए अपने निवेश को पूरा करने के लिए केवल एक सप्ताह है।
मौजूदा दौर की जरूरत है- सोशल डिस्टेंसिंग। तो इसका पालन करते हुए यहाँ आईसीआईसीआई बैंक द्वारा पाँच कर बचत विकल्पों की एक सूची दी गई है, जिसका उपयोग आप बैंक के मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करके और कर बचाने के लिए कर सकते हैं।
1- पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित एक लोकप्रिय दीर्घकालिक निवेश विकल्प है। यह स्कीम आकर्षक ब्याज दर और रिटर्न के साथ सुरक्षा प्रदान करती है। रिटर्न पूरी तरह से कर से मुक्त है। निवेशक ऋण, निकासी और खाते के विस्तार जैसी सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।
आईसीआईसीआई बैंक के साथ, आप आईमोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके, तुरंत ऑनलाइन पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। पीपीएफ खाते में निवेश के प्रमुख लाभों में शामिल हैं.
7.9 प्रतिशत की आकर्षक ब्याज दर जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 1⁄4111⁄2 के तहत पूरी तरह
से आयकर से मुक्त है, 15 वर्षों का अच्छा दीर्घकालिक निवेश एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम जमा राशि 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा राशि 5 रुपये के गुणकों में होनी चाहिए। 3 से छठे वित्तीय वर्ष के बीच ऋण लिया जा सकता है। 5 वित्तीय वर्षों के पूरा होने के बाद आंशिक निकासी सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है खाता परिपक्व होने के बाद 5 साल की ब्लॉक अवधि में आगे बढ़ाया जा सकता है।
2- टैक्स सेविंग एफडी
‘टैक्स सेविंग एफडी’ आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत आपकी बचत पर कर कटौती प्रदान करती है। इस सेवा का लाभ केवल कुछ क्लिक के साथ परेशानी मुक्त तरीके से आईसीआईसीआई बैंक के आईमोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके लिया जा सकता है।
एफडी न केवल एक कुशल कर बचत साधन है, बल्कि एक फायदेमंद निवेश भी है, जहां आप 5 साल की अवधि के लिए 10,000 रुपये का न्यूनतम निवेश या अधिकतम 150,000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। आप या तो पारंपरिक तरीके को चुनते हुए ऐसा प्लान अपने लिए चुन सकते हैं जिसमें मासिक या त्रैमासिक रूप से ब्याज का भुगतान किया जाता है, या ऐसी योजना का चयन कर सकते हैं, जिसमें ब्याज का भुगतान त्रैमासिक रूप से किया जाता है और मूल राशि के साथ इसे पुनर्निवेश किया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा जारी टर्म डिपॉजिट स्कीम, 2006 के अनुसार, उपरोक्त फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में ये सुविधाएं नहीं होंगी - समय से पहले निकासी, फिक्स्ड डिपॉजिट के आधार पर लोन और ऑटो-रिन्यूअल।
3. टैक्स सेविंग हेल्थ इंश्योरेंस सॉल्यूशंस
आईसीआईसीआई बैंक मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग के अपने डिजिटल चैनलों के माध्यम से, ग्राहकों को धारा 80 डी के तहत कर बचाने के लिए टैक्स एफिशिएंट स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने और निवेश करने में सक्षम बनाता है। बैंक की किसी शाखा में गए बिना, आप सोशल डिस्टेंसिंग की सरकार की सलाह का पालन करते हुए अपने घर पर रहते हुए ही आराम से ऐसा कर सकते हैं। यह पालिसी परिवार के लिए एक व्यापक कवरेज प्रदान करती है और साथ में अन्य लाभ भी हैं, जैसे आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80डी के तहत कर योग्य आय में से चिकित्सा बीमा प्रीमियम के लिए 50,000 रुपये तक की कटौती (75,000 रुपये तक की कुल कटौती, अगर माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं), अपने लिए, पति-पत्नी, बच्चों के लिए 25,000 रुपये और माता-पिता यदि वरिष्ठ नागरिक हैं तो 50,000 रुपये अन्यथा 25,000 रुपये का लाभ मिलेगा।
46 वर्ष से कम आयु के पॉलिसी धारकों के लिए कोई मेडिकल टेस्ट नहीं इस पालिसी का लाभ उठाने के लिए कोई अधिकतम प्रवेश आयु नहीं है, देशभर में 4500 से अधिक नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस उपचार करें ₹ 10 लाख रुपये तक की कवरेज, कई बीमित राशि वाले विकल्पों के साथ।
4. नेशनल पेंशन सिस्टम
यह सुविधा ग्राहकों को बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप - आईमोबाइज या इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके पूरी तरह से ऑनलाइन और पेपरलेस तरीके से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में पंजीकरण करने में सक्षम बनाती है। ग्राहकों को एनपीएस के लिए नामांकन करने के लिए शाखा में जाने और भौतिक दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है। निवेश का विकल्प 18 वर्ष से 65 वर्ष की आयु सीमा के सभी ग्राहकों द्वारा लिया जा सकता है।
संशोधन के अनुसार, यदि कोई ग्राहक एनपीएस योजना के लिए स्वेच्छा से योगदान देता है, तो उसे धारा 80सीसीडी 1बी के तहत 50,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा जो धारा 80 सीसीई के तहत निर्धारित 1,50,000 रुपये की सीमा से अधिक और ऊपर होगा।