बैंकिंग लेनदेन के लिए गांठ बांध लें ICICI Bank के ये सात टिप्स, नहीं होंगे बैंक फ्रॉड के शिकार
ICICI Bank ने कहा है कि बैंक के प्रतिनिधि EMI को टालने के लिए ग्राहकों को कभी फोन नहीं करते और ना ही किसी तरह का इमेल करते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से व्यापारिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं। इससे बहुत से लोगों के समक्ष पैसे की दिक्कत पैदा हो गई है। इसी को देखते हुए आरबीआइ के दिशा-निर्देश पर बैंकों ने अपने ग्राहकों को 31 मई तक EMI टालने का विकल्प दिया है। नकदी के संकट से जूझ रहे कई लोग इस विकल्प को अपनाना चाहते हैं लेकिन इस संकट की आड़ में धोखाधड़ी करने वालों ने ग्राहकों को चूना लगाने का नया तरीका निकाल लिया है। फ्रॉड की मंशा रखने वाले फ्रॉड बैंकों के ग्राहकों को फोन कर रहे हैं और EMI टालने के लिए ओटीपी बताने को कह रहे हैं। ओटीपी साझा करते ही वे ग्राहकों के खातों में जमा राशि उड़ा ले रहे हैं। ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों को इस तरह के किसी फोन कॉल से सतर्क रहने को कहा है। इससे पहले SBI ने भी अपने ग्राहकों को कहा था कि EMI टालने के लिए बैंक किसी भी ग्राहक से OTP नहीं मांगता है।
ICICI बैंक ने ग्राहकों को इस तरह की धोखाधड़ी करने वाले लोगों से आगाह करते हुए सुरक्षित बैंकिंग को लेकर कुछ टिप्स साझा किए हैं। बैंक के मुताबिक नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग करते समय इन चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
1. EMI टालने के लिए ओटीपी की जरूरत नहीं: ICICI Bank ने कहा है कि बैंक के प्रतिनिधि EMI को टालने के लिए ग्राहकों को कभी फोन नहीं करते और ना ही किसी तरह का इमेल करते हैं। बैंक ने ग्राहकों से कहा है कि ग्राहक ओटीपी, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर, नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग पासवर्ड, कस्टमर आइडी, यूपीआइ पिन इत्यादि जैसी जानकारी कभी किसी के साथ साझा नहीं करें।
2. मोबाइल बैंकिंग एप में ‘Auto Save’ या ‘Auto Complete’ जैसे फीचर को डिजेबल कर दें: बैंक ने ग्राहकों को आगाह करते हुए कहा कि मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग में ऑटोफिल या सेव यूजर आइडी या पासवर्ड जैसे विकल्पों को इनेबल नहीं करना चाहिए क्योंकि ये जोखिम भरे साबित हो सकते हैं।
3. फिशिंग वाले मैसेज या इमेल का जवाब ना दें: बैंक का कहना है कि किसी भी अज्ञात स्रोत से आए मैसेज या इमेल पर दिए गए लिंक को ना खोलें और ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़ी जानकारी साझा ना करें।
4. वेरिफिकेशन के नाम पर आने वाले कॉल से रहे सावधान: अमूमन खुद को बैंक प्रतिनिधि बनाकर कॉल करने वाले कहते हैं कि उन्होंने वेरिफिकेशन के लिए कॉल किया है। ग्राहकों को सिक्योरिटी की झूठी दिलासा देने के बाद वे ग्राहकों से निजी या गोपनीय जानकारी हासिल करने के फिराक में रहते हैं।
5. समय-समय पर अकाउंट की जांच जरूरीः बैंक का कहना है कि समय पर अपने बैंक अकाउंट को चेक करते रहना चाहिए। हर बार ट्रांजैक्श करने के बाद आपको यह चेक करना चाहिए कि आपने सही अमाउंट का भुगतान किया है या रिसीव किया है। किसी भी तरह की विसंगती होने पर तत्काल बैंक से संपर्क करना चाहिए।
6. नोटिफिकेशन रखें ऑनः अपने बैंक के ईमेल और मैसेज के नोटिफिकेशन को ऑन रखें। इससे आपको आपके अकाउंट से होने वाले किसी भी तरह के ट्रांजैक्शन की जानकारी मिल जाएगी और किसी भी तरह की धोखाधड़ी होने पर आप तत्काल अपने कार्ड या अकाउंट को ब्लॉक करा सकेंगे और बैंक को इस बात की सूचना दे पाएंगे।
7. UPI ट्रांजैक्शन करते समय इन सुरक्षा उपायों का करें पालनः ग्राहकों को यह पता होना चाहिए कि केवल किसी को पैसे भेजने के लिए पिन की जरूरत होती है, रिसीव करने के लिए। यूपीआइ पिन को किसी के साथ साझा मत करिए। फोन पर केवल विश्वस्त एप ही डाउनलोड कीजिए। पेमेंट रिक्वेस्ट को ध्यान से पढ़े और धोखाधड़ी की आशंका पर तत्काल रिक्वेस्ट को खारिज कर दें।