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भारत होगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी के चलते आई सुस्ती तीन साल में दूर हो जाएगी। तब भारत अलग तरह की अर्थव्यवस्था के रूप में दिखेगा।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 30 Sep 2017 01:24 PM (IST)Updated: Sat, 30 Sep 2017 01:43 PM (IST)
भारत होगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत होगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली (पीटीआई)। हाल में उठाए गए कुछ आर्थिक सुधार के कदमों के चलते जीडीपी में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन मीडियम टर्म में भारतीय अर्थव्यवस्था में अपार संभावनाएं हैं। विकास दर के ट्रेंड को देखते हुए अगले दशक में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन सकता है। ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी एचएसबीसी की रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है।

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एचएसबीसी ने कहा कि पिछले साल आर्थिक सुधार के कुछ कदमों से मुश्किलें आई हैं। अल्पकालिक स्तर पर इनसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर कम हुई है। लेकिन मीडियम टर्म में इन सुधारों की मदद से भारत की पूरी क्षमता का उपयोग हो पाने की उम्मीद है। एचएसबीसी ने रिपोर्ट में कहा, ‘आज भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था ग्लोबल जीडीपी के केवल तीन फीसद के बराबर है, लेकिन इसमें जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से भारत को दो तरह से देखा जा सकता है। एक भारत वह है, जहां आर्थिक विकास धीमा है।

भारत में धीमी रफ्तार इस साल और अगले दो वित्त वर्ष तक दिखेगी। भारत प्रमुख क्षेत्रों में धीमी विकास दर का सामना कर रहा है। एक दूसरा भारत वह है। इस भारत की असली तस्वीर तीन साल बाद दिखाई देगी। वह दौर आर्थिक विकास के लिहाज से ज्यादा आकर्षक होगा।

एचएसबीसी के अनुमान के मुताबिक भारत की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसद रहेगी जो पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के 7.1 फीसद के मुकाबले कम है। 2018-19 में विकास दर 7.0 फीसद और 2019-20 में 7.6 फीसद रहने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5.7 फीसद पर आ गई थी जो तीन साल का न्यूनतम स्तर था।

एचएसबीसी का मानना है कि 2019-20 के बाद मौजूदा आर्थिक सुधारों के कारण पैदा हुई अल्पकालिक समस्याएं दूर हो जाएंगीं। रिपोर्ट में अनुमान है कि मीडियम टर्म में अकेले जीएसटी से ही जीडीपी में 0.40 फीसद की वृद्धि हो सकती है। नए दिवालिया कानून और रियल एस्टेट कानून (रेरा) से भी अर्थव्यवस्था को गति मिलने की उम्मीद जताई गई है।


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