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कर्ज की जाल में फंस गए, अब दिखाएं समझदारी

तमाम देनदारियों की लिस्ट बनाएं और फिर ब्याज दर के हिसाब से प्राथमिकताएं तय करें।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Sun, 11 Oct 2015 04:54 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2015 04:55 PM (IST)
कर्ज की जाल में फंस गए, अब दिखाएं समझदारी

हर्षला चंदोरकर

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चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, सिबिल

मैं ऐसे कई युवा और स्मार्ट वर्किंग प्रोफेशनल से मिल चुकी हूं जो कर्ज की जाल में फंस गए थे, लेकिन इस मुश्किल से निपटने में कामयाब हुए। यही नहीं, उन्होंने अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट स्कोर भी बनाए। 28 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर शौर्य राठोड़ (बदला हुआ नाम) ने तीन क्रेडिट कार्ड्स के जरिए कर्ज लिए थे। लेकिन, वे कार लोन की किस्तें समय पर नहीं चुका पाए। क्रेडिट कार्ड के बिल जमा कराने के वास्ते उन्होंने पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया, लेकिन कम सिबिल ट्रांसयूनियन स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री खराब होने की वजह से उन्हें लोन नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने सिबिल से संपर्क किया। पता चला कि खराब क्रेडिट व्यवहार के कारण उन्हें लोन नहीं मिल रहा है। फिर राठोड़ ने रिसर्च किया और पाया कि वे कर्ज की जाल में फंस गए हैं और इससे बाहर निकलने के लिए सूझबूझ से काम लेना होगा। उन्होंने कोशिश की, जो रंग भी लाई। दो साल के भीतर राठोड़ ने ज्यादातर कर्ज चुका दिए और क्रेडिट कार्ड के बिल और लोन की किस्तें समय पर चुकाने लगे। नतीजतन उनकी क्रेडिट हिस्ट्री सुधर गई और सिबिल ट्रांसयूनियन स्कोर भी बढ़ गया।

राठोड़ के अनुभव के आधार पर कर्ज की जाल से निकलने के कुछ तरीकेः

जागरूकता

अपनी माली हालत और विभिन्न वित्तीय देनदारियों को समझें। वित्तीय स्थिति के प्रति जागरूकता समय पर कर्ज की जाल से बाहर निकलने में मददगार साबित होगी। अपनी आय और कर्ज का अनुपात निकालते रहें। यदि आय के 45 प्रतिशत से ज्यादा कर्ज की किस्तें चुकाने में खर्च हो रहा हो तो यह चिंता की बात है। यदि कोई चीज बंधक रखे बगैर लिए गए लोन और गैर जरूरी खर्चों की किस्तें चुकाने में 25 प्रतिशत से ज्यादा कमाई खप रही हो तो इसे खतरे की घंटी समझें।

मितव्ययिता जरूरी

जीवनशैली पर खर्च घटाएं। याद रखें कि यदि आप कर्ज की जाल से बाहर निकलना चाहते हैं तो एक-एक पैसे की बचत मायने रखेगी। दफ्तर जाने के लिए टैक्सी की जगह बस इस्तेमाल करें। इसी तरह के दूसरे खर्चों में भी कमी की जा सकती है।

सटीक रणनीति

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए लोन और बिलों का समय पर भुगतान पक्का करने के वास्ते सटीक रणनीति बनाना सबसे जरूरी काम है। तमाम लोन की लिस्ट बनाएं और फैसला करें कि सबसे पहले कौन सा कर्ज चुकाना है। प्राथमिकताएं तय कर लें। सबसे पहले सबसे महंगा (जिस ब्याज सबसे ज्यादा हो) कर्ज चुकाना चाहिए। संभव हो तो महंगे कर्ज को सस्ते लोन में तब्दील कर लेना चाहिए। मसलन, क्रेडिट कार्ड रोलओवर सबसे ज्यादा महंगा पड़ता है। ऐसे कर्ज पर सालाना 40 प्रतिशत तक ब्याज लगता है। यदि आप एक ही बार में पूरा बैलेंस नहीं चुका पाते हैं, तो कार्ड जारी करने वाली कंपनी से इसे पर्सनल लोन में तब्दील करने का अग्रह करें।

सोने के बदले लोन

सोने के गहनों या सिक्कों के बदले पैसे उधार लिए जा सकते हैं। घर में पड़ी संपत्ति के एवज में कर्ज उठाने का यह सबसे आसान तरीका है। इसकी ब्याज दरें सालाना 15 प्रतिशत के आसपास होती हैं। इसलिए यदि आप ऊंची ब्याज दर वाले लोन के चक्रव्यूह में फंस गए हों, तो उससे बाहर निकलने के लिए यह तरीका अपना सकते हैं।

सिक्योरिटीज के एवज में लोन

रकम जुटाने का यह दूसरा आसान और प्रभावी तरीका है। खास तौर पर तब, जब आप नए लोन की तलाश में है या फिर मौजूदा लोन से मुक्ति पाना चाहते हैं। हो सकता है कि आपने इक्विटी शेयर, म्यूचुअल फंड्स और एलआईसी जैसे साधनों में पैसा लगाया हो। ऐसे कुछ मामलों में आप कुल मूल्य का 50-80 प्रतिशत लोन उठा सकते हैं।

बचत का इस्तेमाल

यदि कर्ज की लागत बहुत अधिक है या उसका भुगतान जल्द करना जरूरी हो गया है, तो ऐसे में बचत की कुछ रकम का इस्तेमाल कर्ज उतारने में किया जा सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट और शेयरों में निवेश जैसी बचत की रकम कर्ज उतारने में इस्तेमाल की जा सकती है। लेकिन, ऐसी जरूरतों के लिए भविष्य निधि (पीएफ), पेंशन फंड या इंश्योरेंस के पैसे निकालने से बचना चाहिए।

क्रेडिट रिपोर्ट की समीक्षा

क्रेडिट रिपोर्ट में क्या-कुछ है, यह जानना माली हालत बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकता है। नियमित रूप से क्रेडिट रिपोर्ट की समीक्षा करें। ऐसा करने से पता चलेगा कि क्रेडिट रिलेशनशिप कैसे हैं और क्रेडिट स्कोर धीरे-धीरे बढ़ रहा है या नहीं। याद रखें वित्तीय हालात सुधारने की दिशा में कभी भी काम शुरू किया जा सकता है। कई बैंक और क्रेडिट संस्थान क्रेडिट काउंसिलिंग सेंटर चलाते हैं, जो कर्ज की जटिल मुश्किल से पार पाने में मदद कर सकते हैं।

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