काउंसिल को करना है नैचुरल गैस और एटीएफ को जीएसटी में शामिल करने पर फैसला: हसमुख अढिया
वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कहा है कि एक साल के भीतर जीएसटी सुगम हो गया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। ऐसे समय में जब वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून को एक साल पूरे होने जा रहे हैं, सरकार का कहना है कि नेचुरल गैस (प्राकृतिक गैस) और जेट ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी में आसानी से शामिल किया जा सकता है।
एक साक्षात्कार के दौरान वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कहा कि इन दोनों को जीएसटी में शामिल किए जाने का फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है, जो कि अप्रत्यक्ष कर के संबंध में सर्वोच्च निर्णायक संस्था है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि 21 जुलाई को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा एजेंडे में शामिल रहेगा या नहीं।
1 जुलाई 2017 को देशभर में जीएसटी लागू किए जाने के बाद अब तक जीएसटी काउंसिल की ओर से काफी सारी वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर की दरों में संशोधन किया जा चुका है। साथ ही रिटर्न प्रक्रिया को भी अब पहले की तुलना में काफी आसान बनाया गया है।
एक साल में जीएसटी हो गया सुगम: अढिया
वित्त सचिव हसमुख अढिया ने कहा है कि एक साल के भीतर जीएसटी सुगम हो गया है। इसका अनुपालन भी बेहतर है और अब सरकार का फोकस रिटर्न फार्म को सरल बनाने पर होगा। अढिया ने एक इंटरव्यू में कहा कि जीएसटी ने करों का अंबार खत्म कर दिया। नए टैक्स के तहत 1.11 करोड़ करदाता पंजीकृत हो चुके हैं। रिटर्न फाइलिंग और कर भुगतान में हर महीने सुधार हुआ। कुछ समय बाद अनुपालन 96 फीसद तक पहुंच जाएगा।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तर की अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग्स (एएआर) के विरोधाभासी फैसलों से उत्पन्न समस्याएं सुलझाने के लिए राजस्व विभाग केंद्रीय अपीलेट अथॉरिटी बनाने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में फैसला हो सकता है। उन्होंने बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों में से नेचुरल गैस और हवाई ईंधन (एटीएफ) को जीएसटी के दायरे में लाना आसान है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इसके बारे में विचार हो सकता है।