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Year Ender 2018: आधार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, वैधानिकता पर लगी मुहर-गैर जरूरी इस्तेमाल पर रोक

कोर्ट के इस फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली और साथ ही कई सरकारी योजनाओं के लाभ के मामले में आधार के इस्तेमाल को लेकर जारी अनिश्चितताओं का अंत हुआ।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 11:50 AM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 03:45 PM (IST)
Year Ender 2018: आधार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, वैधानिकता पर लगी मुहर-गैर जरूरी इस्तेमाल पर रोक
Year Ender 2018: आधार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, वैधानिकता पर लगी मुहर-गैर जरूरी इस्तेमाल पर रोक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आधार की वैधानिकता को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला इस साल की बड़ी खबरों में शुमार रहा। कोर्ट ने आधार की संवैधानिकता को बरकरार रखते हुए यह साफ कर दिया कि आधार एक्ट कहीं से भी निजता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता है। हालांकि आधार की अनिवार्यता के मामले में बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निजी कंपनियों के लिए केवाईसी (Know your Customer) की प्रक्रिया के दौरान आधार के इस्तेमाल किए जाने पर रोक लगा दी।

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हालांकि पैन कार्ड और आईटीआर फाइलिंग के लिए आधार अनिवार्य बना रहा। कोर्ट के इस फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली और साथ ही कई सरकारी योजनाओं के लाभ के मामले में आधार के इस्तेमाल को लेकर जारी अनिश्चितताओं का अंत हुआ।

सरकार द्वारा चलाई जा रही सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार की जरूरत बनी रहेगी। मसलन राशन, गैस सब्सिडी का लाभ अगर कोई उठाना चाह रहा है, तो उसे अपना आधार नंबर अनिवार्य तौर पर साझा करना होगा। लेकिन इसका यह मतलब नहीं होगा कि अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो उसे इन योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।

सरकार का दावा रहा है कि आधार कार्ड के इस्तेमाल की वजह से सरकार को इस साल 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक नजर: सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही आधार एक्ट की धारा 57 को अवैध करार दिया। इसी फैसले ने निजी कंपनियों के आधार मांगे जाने की प्रक्रिया को प्रतिबंधित कर दिया। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय पीठ में शामिल जस्टिस सीकरी ने कहा कि आधार की वजह से राज्य की भूमिका निगरानी करने वाले ईकाई की तरह नहीं होगी।

सरकार ला सकती है कानून! सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हो रही व्यावहारिक दिक्कतों की वजह से सरकार बैंकों और मोबाइल कंपनियों को दोबारा आधार के इस्तेमाल की इजाजत दे सकती है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली कह चुके हैं कि संसद से कानून पारित कर आधार को मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट से लिंक करने के नियम को अनिवार्य बनाया जा सकता है।

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