जीएसटी से परिवारों को 320 रुपये की बचत
पुरानी कर व्यवस्था में केंद्र सरकार वस्तुओं के उत्पादन पर उत्पाद शुल्क लगाती थी। इस टैक्स को जोड़कर तय की गई बिक्री मूल्य पर वैट लगता था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी लागू होने के बाद कर की दरें कम होने से अनाज, खाद्य तेल व कॉस्मेटिक्स जैसी घरेलू वस्तुओं की खरीद में आम लोगों को औसतन 320 रुपये की मासिक बचत हो रही है। वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने उपभोक्ता व्यय के आंकड़ों के विश्लेषण के हवाले से यह जानकारी दी है।
विभिन्न 17 तरह के टैक्सों को मिलाकर पिछले साल एक जुलाई से लागू किए गए जीएसटी से भारत न सिर्फ एकल बाजार बन गया जहां वस्तुओं व सेवाओं पर समान कर लागू होता है, बल्कि इससे कर पर कर लगने की पुरानी व्यवस्था भी खत्म हो गई। तमाम वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दर में कटौती हुई जिससे उपभोक्ताओं को मासिक बचत होने लगी।
जीएसटी लागू होने से पहले और इसके बाद घरेलू व्यय का विश्लेषण किया गया। इससे पता चलता है कि खाद्य वस्तुओं, पेय पदार्थ के साथ ही हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन, वाशिंग पाउंडर और फिटवियर जैसी 83 वस्तुओं पर टैक्स में कटौती हुई। अगर जीएसटी लागू होने के बाद एक परिवार हर महीने अनाज, खाद्य तेल, चीनी, चॉकलेट, नमकीन, मिठाई, कॉस्मेटिक्स, टॉयलेट में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं, वाशिंग पाउडर, टाइल्स, फर्नीचर, कॉयर प्रोडक्ट और अन्य घरेलू वस्तुओं पर 8400 रुपये खर्च करता है तो उसे 320 रुपये की मासिक बचत होगी। इन वस्तुओं पर 8400 रुपये मासिक खर्च पर जीएसटी 510 रुपये लगता है जबकि पहले इन पर टैक्स का भार 830 रुपये था। इस तरह 320 रुपये की बचत हो रही है।
पुरानी कर व्यवस्था में केंद्र सरकार वस्तुओं के उत्पादन पर उत्पाद शुल्क लगाती थी। इस टैक्स को जोड़कर तय की गई बिक्री मूल्य पर वैट लगता था। इस तरह उपभोक्ताओं को न सिर्फ वस्तु की मूल लागत पर बल्कि उन्हें उत्पाद शुल्क पर भी वैट देना पड़ता था। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद यह दोहरे कर की व्यवस्था खत्म हो गई।
मंत्रालय के इस सूत्र ने कहा कि दुग्ध पाउडर, दही, बटर मिल्क (देसी घी), मसाले, गेहूं, चावल, पौष्टिक पेय जैसे हॉर्लिक्स व बॉर्नविटा, पास्ता, इडली पेस्ट और मिनरल वाटर पर जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स की दर कम हुई। करी पेस्ट, टूथ पाउडर व पेस्ट, हेयर ऑयल, साबुन, कॉस्मेटिक्स व परफ्यूम, डिटर्जेंट, सैनेटरी वेयर और फुटवियर पर टैक्स घटाया गया। इसके अलावा गेहूं व चावल को जीएसटी से मुक्त किया गया जबकि पहले इन पर 2.50 से 2.75 फीसद टैक्स लगता था। मिल्क पाउडर पर टैक्स छह फीसद से घटाकर पांच फीसद किया गया। शुगर कन्फेक्शनरी पर टैक्स 21 फीसद से घटकर 18 फीसद रह गया।