जीएसटी के सिंगल मासिक रिटर्न का तीन-चार महीनों तक चलेगा ट्रायल
तीन-चार महीने के ट्रायल के बाद ही इस रिटर्न फॉर्म को जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए लागू किया जाएगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का सिंगल मासिक रिटर्न फॉर्म लाने के लिए सरकार फूंक -फूंक कर कदम रख रही है। माना जा रहा है कि तीन-चार महीने के ट्रायल के बाद ही इस रिटर्न फॉर्म को जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए लागू किया जाएगा। अगले साल आम चुनाव होने के चलते सरकार सिंगल रिटर्न फॉर्म को लागू करने में जल्दबाजी से परहेज करेगी। ऐसी स्थिति में कारोबारियों को जीएसटी में सरल रिटर्न प्रणाली के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।
पिछले वर्ष जुलाई से लागू हुए जीएसटी के तहत तीन रिटर्न फार्म- जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटी-3 दाखिल करने का प्रावधान है। लेकिन फिलहाल व्यापारी जीएसटीआर-3बी भरकर टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। इसके अलावा व्यापारी जीएसटीआर-1 फॉर्म भी दाखिल कर रहे हैं जबकि जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 फॉर्म निलंबित हैं।
जीएसटी काउंसिल की इस साल चार मई को हुई बैठक में जीएसटी में हर माह तीन रिटर्न की जगह सिर्फ एक रिटर्न का प्रावधान रखने का फैसला किया गया था। तब यह भी तय हुआ था कि इस सिंगल रिटर्न फार्म को लागू होने में लगभग छह महीने लग सकते हैं। इसके क्रियान्वयन को चरणबद्ध ढंग से लागू करने की रणनीति बनायी गयी थी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि सिंगल रिटर्न फॉर्म पर काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है। जीएसटीएन और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस इस फॉर्म के लिए सॉफ्टवेयर डिजाइन कर रहे हैं। डिजाइन तैयार हो जाने के बाद जीएसटीएन के अधिकारी जीएसटी काउंसिल की लॉ कमेटी के समक्ष इस फॉर्मेट का ब्यौरा देंगे। सूत्रों ने कहा कि सरकार विगत के अनुभवों से सबक लेते हुए जीएसटी सिंगल रिटर्न को लागू करने में जल्दबाजी से परहेज कर रही है। वैसे भी वर्ष 2019 चुनावी वर्ष है, इसलिए अगर इसे जल्दबाजी में लागू किया जाता है और व्यापारियों को समस्या का सामना करना पड़ता है तो राजनीतिक रूप से सरकार के लिए चुनौती खड़ी हो सकती है। जीएसटी सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी वेबटेल इलेक्ट्रोसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेन्द्र कपूर ने कहा कि सिंगल रिटर्न का फॉर्म व आइटी ढांचा तैयार होने के बाद जीएसटी सेवा प्रदाताओं को इसके सुचारू क्रियान्वयन के लिए वक्त दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी में 1.22 करोड़ कारोबारी पंजीकृत हैं, जिसमें से 17.74 लाख कारोबारियों ने कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुना है। इन्हें तीन महीने में एक बार रिटर्न दाखिल करना पड़ता है।