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आचार संहिता का असर, GST काउंसिल की बैठक में दरों पर नहीं होगा कोई फैसला

काउंसिल की पिछली बैठक में निर्माणाधीन फ्लैट्स के लिए जीएसटी दर को घटाकर पांच फीसद और किफायती श्रेणी के मकानों के लिए इस दर को घटाकर एक फीसद कर दिया गया था। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 08:57 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 08:35 AM (IST)
आचार संहिता का असर, GST काउंसिल की बैठक में दरों पर नहीं होगा कोई फैसला
आचार संहिता का असर, GST काउंसिल की बैठक में दरों पर नहीं होगा कोई फैसला

नई दिल्ली (एजेंसी/बिजनेस डेस्क)। जीएसटी काउंसिल की 34वीं बैठक में रियल्टी सेक्टर के लिए जीएसटी की घटी दर को लागू किए जाने से जुड़े मुद्दों पर विचार होगा। सूत्रों के मुताबिक आज होने वाली इस बैठक में सिर्फ रियल एस्टेट सेक्टर के लिए जीएसटी की घटी दर को लागू करने के प्रावधान और उससे संबंधित मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

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गौरतलब है कि चुनावी तारीखों की घोषणा होने के बाद आचार संहिता की वजह से जीएसटी की दरों से जुड़ा कोई भी मुद्दा इस बैठक में शामिल नहीं है।

काउंसिल की पिछली बैठक में निर्माणाधीन फ्लैट्स के लिए जीएसटी दर को घटाकर पांच फीसद और किफायती श्रेणी के मकानों के लिए इस दर को घटाकर एक फीसद कर दिया गया था। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी।

आज की बैठक में काउंसिल यह फैसला ले सकता है कि बिल्डर्स अपनी टैक्स देनदारी तय करते समय कच्चे माल और सेवाओं पर भुगतान किए गए टैक्स के लिए कब तक क्रेडिट का उपयोग कर सकते हैं।

अभी निर्माणाधीन फ्लैट्स के लिए होने वाले भुगतान पर जीएसटी की दर 12 फीसद है और इसके साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का प्रावधान भी है। यही व्यवस्था ऐसे रेडी-टु-मूव-इन फ्लैट्स के लिए भी है, जिनके लिए बिक्री के वक्त कंप्लीशन सर्टिफिकेट्स जारी नहीं किए गए होते हैं। किफायती श्रेणी में आने वाली आवासीय इकाई के लिए अभी जीएसटी की दर आठ फीसद है।

जीएसटी वसूली फरवरी महीने में घटकर 97,247 करोड़ रुपये पर आ गई है, जो जनवरी में 1.02 लाख करोड़ रुपये रही थी। फरवरी में हुई वसूली में सेंट्रल जीएसटी 17,626 करोड़ रुपये, स्टेट जीएसटी 24,192 करोड़ रुपये, इंटीग्रेटेड जीएसटी 46,953 करोड़ रुपये और सेस 8,476 करोड़ रुपये का रहा।

चालू वित्त वर्ष में फरवरी महीने तक कुल जीएसटी वसूली 10.70 लाख करोड़ रुपये की हुई। सरकार ने अपने संशोधित अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए जीएसटी वसूली का लक्ष्य घटाकर 11.47 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, जो पहले 13.71 लाख करोड़ रुपये था।

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटी वसूली का लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपये रखा गया है।

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