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जीएसटी काउंसिल ने दी मंजूरी, 1 फरवरी से लागू होगा ई-वे बिल

ई-वे बिल को 1 फरवरी से देशभर में अनिवार्य कर दिया गया है, हालांकि राज्यों के भीतर यह नियम जून से लागू होगा

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 16 Dec 2017 02:35 PM (IST)Updated: Sat, 16 Dec 2017 02:48 PM (IST)
जीएसटी काउंसिल ने दी मंजूरी, 1 फरवरी से लागू होगा ई-वे बिल
जीएसटी काउंसिल ने दी मंजूरी, 1 फरवरी से लागू होगा ई-वे बिल

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल ने शनिवार को अपनी 24वीं बैठक में महत्वपूर्ण ई-वे बिल पर हामी भरते हुए इसे 1 फरवरी 2018 से अनिवार्य कर दिया है। अब सामान को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर यह नियम लागू होगा। सूत्रों के अनुसार यह जानकारी सामने आई है।

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कुछ राज्य स्वैच्छिक आधार पर 1 फरवरी से अंतर्राज्यीय (राज्य के भीतर) और अंतरराज्यीय (राज्यों के भीतर) ई-वे बिल दोनों को लागू कर सकते हैं। वहीं ई-वे बिल के लिए सिस्टम 15 जनवरी से उपलब्ध करवा दिया जाएगा। सूत्र के मुताबिक वहीं राज्यों के भीतर ई-वे बिल 1 जून से अनिवार्य होगा। वहीं राज्य के भीतर ई-वे बिल लागू करने का काम फरवरी से ही शुरू कर दिया जाएगा।

क्या है ई-वे बिल: अगर किसी वस्तु का एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर राज्य के भीतर मूवमेंट होता है तो सप्लायर को ई-वे बिल जनरेट करना होगा। अहम बात यह है कि सप्लायर के लिए यह बिल उन वस्तुओं के पारगमन (ट्रांजिट) के लिए भी बनाना जरूरी होगा जो जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।\

क्या होता है ई-वे बिल में: इस बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) की डिटेल दी जाती है। अगर जिस गुड्स का मूवमेंट एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर एक ही राज्य के भीतर हो रहा है और उसकी कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा है तो सप्लायर (आपूर्तिकर्ता) को इसकी जानकरी जीएसटीएन पोर्टल में दर्ज करानी होगी।


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