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GST Collection June 2022: जून में 56 फीसद बढ़ा जीएसटी संग्रह, अप्रैल के बाद दूसरा रिकॉर्ड कलेक्शन

जून 2022 के लिए जीएसटी संग्रह 1.44 लाख करोड़ का रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारा मासिक जीएसटी संग्रह रफ बॉटम लाइन के नीचे नहीं गया है। बता दें कि जीएसटी आज ही के दिन 2017 में लागू हुआ था।

By Sarveshwar PathakEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 02:35 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 06:31 AM (IST)
GST Collection June 2022: जून में 56 फीसद बढ़ा जीएसटी संग्रह, अप्रैल के बाद दूसरा रिकॉर्ड कलेक्शन
GST collections up 56 pc to over Rs 1.44 lakh crore in June

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। जून 2022 के महीने के लिए जीएसटी संग्रह 1.44 लाख करोड़ का रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारा जीएसटी संग्रह रफ बॉटम लाइन के नीचे नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि जून 2022 के महीने के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) संग्रह 1,44,616 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के इस महीने से 56 प्रतिशत अधिक है।

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आपको बता दें कि पिछले महीने मई में जीएसटी संग्रह बढ़कर लगभग 1.41 करोड़ रुपये हो गया था, जिसमें सालाना आधार पर 44 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं, जीएसटी राजस्व संग्रह अप्रैल महीने में पहली बार 1.5 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर 1.68 लाख करोड़ रुपये हो गया था, जो दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड संग्रह था। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1.40 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कम होता दिख रहा है। हालांकि, हम रफ बॉटम लाइन के नीचे नहीं जा रहे हैं, हम लगातार उससे ज्यादा ही कलेक्शन कर रहे हैं। 

'एक राष्ट्र, एक कर' का दृष्टिकोण पूरा
जीएसटी के पांच साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया। उन्होंने इस विशेष अवसर पर ट्विटर पर पोस्ट कर कहा कि आज GST को 5 साल पूरे हो गए हैं। पीएम ने कहा कि जीएसटी एक प्रमुख कर सुधार था, जिसने व्यापार करने में आसानी लाई है। उद्योग को आगे बढ़ाया है और 'एक राष्ट्र, एक कर' के दृष्टिकोण को पूरा किया है।

पांच साल की अवधि के लिए मुआवजे का आश्वासन
आपको बता दें कि देश में माल और सेवा कर 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। राज्यों को जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम 2017 के प्रावधानों के अनुसार जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के लिए पांच साल की अवधि के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था। राज्यों को मुआवजा प्रदान करने के लिए कुछ वस्तुओं पर उपकर लगाया जा रहा है और एकत्रित उपकर की राशि को मुआवजा कोष में जमा किया जा रहा है। राज्यों को मुआवजे का भुगतान 1 जुलाई 2017 से मुआवजा कोष से किया जा रहा है। चडीगढ़ में हाल ही में संपन्न जीएसटी परिषद की बैठक में कई राज्यों ने मुआवजे को कम से कम कुछ वर्षों के लिए बढ़ाने की मांग की है। हालांकि, इस पर अभी कोई फैसला होना बाकी है।


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