जीएसटी और नोट बैन ने शहरों में कम की रियल एस्टेट की रैंकिंग: रिपोर्ट
रिपोर्ट का मानना है कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू किए जाने का शुरुआती असर रियल एस्टेट के निवेश में दिखाई दिया
नई दिल्ली (जेएनएन)। इस साल लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर और बीते साल की गई नोटबंदी की घोषणा ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए न सिर्फ नकदी का संकट पैदा किया बल्कि इसने शहरी निवेश और विकास की संभावनाओं पर भी असर डाला। यह जानकारी एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है।
अर्बन लैंड इंस्टीट्यूट और कंसल्टेंसी पीडब्ल्यूसी की ओर से संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार नोटबंदी और जीएसटी के लागू किए जाने का शुरुआती असर निवेश में दिखाई दिया। साथ ही इसने देश के उन शहरों के विकास की संभावनाओं को भी प्रभावित किया, जो बीते साल की स्थिति से बाहर आ गए हैं। यह रिपोर्ट इमर्जिंग ट्रेंड इन रियल एस्टेट- एशिया पैसिफिक 2018 शीर्षक से प्रकाशित की गई, जो कि निवेशकों सहित 600 से अधिक रियल्टी पेशेवरों की राय के आधार पर तैयार की गई।
रियल एस्टेट टैक्स प्रैक्टिसेज में पीडब्ल्यूसी इंडिया प्रमुख अभिषेक गोयनका ने बताया, “देश में होने वाला निवेश, विशेष रूप से किफायती आवासों में, रणनीतिक रूप से जारी है और यह बड़े पैमाने पर अवसर प्रदान करता है। यह एक ऐसा पहलू जो बड़े पूंजी निवेश के संदर्भ में विशेष रूप से लोकप्रिय है।”
साल 2018 के पसंदीदा निवेश गंतव्य की सूची में मुंबई 12 वें स्थान पर है, हालांकि इसमें बीते साल के मुकाबले इसमें भारी गिरावट देखने को मिली है। बीते साल यह दूसरे पायदान पर रहा था। वहीं यह विकास की संभावनाओं के मामले में 8वें पायदान पर खड़ा है।