कोल इंडिया में अपनी तीन फीसद हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की ब्लू चिप कंपनी कोल इंडिया लि. में अपनी तीन फीसद हिस्सेदारी बेचने के लिए बुधवार से प्रक्रिया शुरू करेगी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की ब्लू चिप कंपनी कोल इंडिया लि. में अपनी तीन फीसद हिस्सेदारी बेचने के लिए बुधवार से प्रक्रिया शुरू करेगी। ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के लिए फ्लोर प्राइस 266 रुपये प्रति शेयर रखा गया। इससे सरकार को करीब 5,000 रुपये अर्जित होने का अनुमान है।
कंपनी ने एनएसई को दी सूचना में कहा कि इस ऑफर में सरकार के पास छह फीसद ओवरसब्सक्रिप्शन अपने पास रखने का भी विकल्प होगा। इस तरह से सरकार कंपनी में नौ फीसद तक हिस्सेदारी बेच सकती है। दो दिवसीय ओएफएस बुधवार को संस्थागत बोलीकर्ताओं के लिए खुलेगा। छोटे निवेशक गुरुवार को बोली लगा सकेंगे और उन्हें फ्लोर प्राइस पर पांच फीसद का डिस्काउंट भी मिलेगा।
वर्तमान बाजार मूल्य पर तीन फीसद हिस्सेदारी यानी 18.62 करोड़ शेयरों की बिक्री से सरकार को करीब 5,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। यदि अतिरिक्त छह फीसद हिस्सेदारी या 37.24 करोड़ शेयरों की भी बिक्री हो जाती है तो सरकार को करीब 10,000 करोड़ रुपये और मिल जाएंगे। कुल मिलाकर कोल इंडिया में नौ फीसद हिस्सेदारी के विनिवेश से सरकार को 15,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।
ओएफएस का फ्लोर प्राइस एनएसई पर कोल इंडिया के बंद भाव से करीब चार फीसद या 11 रुपये प्रति शेयर की छूट पर तय किया गया है। एनएसई पर कंपनी के शेयर 3.62 फीसद गिरकर 277 रुपये पर बंद हुए।
सरकार ने इससे पहले जनवरी 2015 में भी ओएफएस के जरिये कोल इंडिया में 10 फीसद हिस्सेदारी बेची थी। उस वक्त सरकार को 23,000 करोड़ रुपये की आय हुई थी। अभी कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 78.32 फीसद है।