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'राजकोषीय घाटा कम करने में जल्दबाजी न करें सरकार, उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा पैसा डाले'

उन्होंने आगे कहा अगर सरकार उपभोक्ताओं विशेष रूप से ग्रामीण उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने के तरीके और साधन खोज सकती है तो इससे बहुत मदद मिलेगी और सरकार ने पिछले दो वर्षों के दौरान ऐसा किया है। वह जारी रखा जाना चाहिए

By NiteshEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 07:18 AM (IST)
'राजकोषीय घाटा कम करने में जल्दबाजी न करें सरकार, उपभोक्ताओं के हाथ में ज्यादा पैसा डाले'
Govt should not rush to bring down fiscal deficit put more money in hands of consumers Sanjiv Mehta HUL CMD

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार को राजकोषीय घाटे को कम करने की जल्दी में नहीं होना चाहिए और उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा लाने के उपायों को जारी रखना चाहिए, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां एफएमसीजी की मात्रा में वृद्धि नकारात्मक हो गई है। एचयूएल अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने गुरुवार को यह बातें कहीं। मेहता ने कहा, साफ तौर पर वॉल्यूम और वैल्यू के लिहाज से ग्रामीण भारत में स्लोडाउन नजर आ रहा है। दिसंबर तिमाही में साल-दर-साल आधार पर HUL के वॉल्यूम ग्रोथ 2 फीसद बढ़ी है। इससे पहली तिमाही में कंपनी की वॉल्यूम ग्रोथ 4 फीसद है।

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उन्होंने आगे कहा, अगर सरकार उपभोक्ताओं, विशेष रूप से ग्रामीण उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने के तरीके और साधन खोज सकती है, तो इससे बहुत मदद मिलेगी और सरकार ने पिछले दो वर्षों के दौरान ऐसा किया है। वह जारी रखा जाना चाहिए, हमें यह देखना चाहिए कि हम थोड़ा और कैसे कर सकते हैं, क्योंकि हमें यह समझना होगा कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।

संजीव मेहता ने सलाह दी है कि सरकार को मनरेगा को जारी रखने के साथ ग्रामीण इलाकों में रोजगार के दूसरे मौके शुरू करने होंगे। मनरेगा में ग्रामीणों को एक साल में कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है।

मेहता ने बताया कि सरकार का कर संग्रह बहुत मजबूत रहा है, विशेष रूप से वर्ष के पहले सात महीनों में और जब इसकी तुलना 2020 से नहीं बल्कि 2019 से की गई, तो कर संग्रह में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो बिल्कुल शानदार है। बजट के नजरिए से उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कर की दरें सुसंगत रहें, नीति सुसंगत रहे। व्यवसायियों के रूप में हम सभी के लिए जरूरी है।

भारत में COVID-19 टीकाकरण पर सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा, अब हमें बूस्टर खुराक लाने की जरूरत है, न केवल 60 से ऊपर के लोगों को, बल्कि पूरी आबादी के लिए। मेरा मानना है कि स्टॉक और उत्पादन क्षमता जो हमारे पास है, हमें 15 साल से कम उम्र के बच्चों का सामना करने में सक्षम होना चाहिए और यह अत्यंत महत्वपूर्ण है।


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