प्याज की बढ़ती कीमत से राहत के लिए एक लाख टन का बफर स्टॉक जारी कर रही सरकार: नरेंद्र सिंह तोमर
तोमर ने कहा कि कांग्रेस दोमुंही राजनीति करते हुए केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह देश में व्यापार को बंधनों से मुक्त करेगी
नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में प्याज की बढ़ती महंगाई से ग्राहकों को निजात दिलाने के लिए सरकार कई तरह के कदम उठा रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक लाख टन का बफर स्टॉक जारी किए जाने समेत अलग-अलग कदम उठाए जा रहे हैं। तोमर ने कहा कि प्याज के दाम बढ़ने को लेकर सरकार गंभीर है। कृषि मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) के पास मौजूद प्याज का एक लाख टन का बफर स्टॉक जारी किया जा रहा है।
उन्होंने 3 नवंबर को मध्य प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव से पहले इंदौर जिले के धरमपुरी शहर में एक रैली में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से यह बात कही।
तोमर ने कहा, 'हमने समय से पहले ही देश से प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है, जबकि इसके आयात के रास्ते खोल दिए गए हैं।'
चुनावी रैली के दौरान तोमर ने कहा कि कांग्रेस 'दोमुंही राजनीति' करते हुए केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह देश में व्यापार को बंधनों से मुक्त करेगी, अंतरराज्यीय कारोबार को बढ़ावा देगी, कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) को समाप्त करेगी, संविदा खेती को प्रोत्साहित करेगी और आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म करेगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ये काम नहीं किया क्योंकि वह दलालों और बिचौलियों के दबाव में रहती है। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने कृषि सुधारों के लिए नए कानून बनाए। इसलिए, कांग्रेस के पेट में दर हो रहा है। केंद्रीय मंत्री यहां जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावत के समर्थन में एक रैली को संबोधित करने के लिए आए थे, जो सैनवर विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि देश में प्याज की कीमत 100 रुपये किलो तक पहुंच गई थी। सरकार ने प्याज की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर इसके भंडारण की अधिकतम सीमा तय कर दी थी। इसके अलावा निर्यात पर रोक के साथ ही आयात बढ़ाने के भी उपाय किए गए हैं।