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दोहरे कराधान से बचाव के लिए भारत-श्रीलंका के बीच समझौते को मंजूरी

बयान में कहा गया है कि भारत एमएलआई पर हस्ताक्षरकर्ता देश है। श्रीलंका अभी तक एमएलआई पर हस्ताक्षर न करने वाला देश है।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 09:35 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:35 PM (IST)
दोहरे कराधान से बचाव के लिए भारत-श्रीलंका के बीच समझौते को मंजूरी
दोहरे कराधान से बचाव के लिए भारत-श्रीलंका के बीच समझौते को मंजूरी

नई दिल्ली, आईएएनएस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दोहरा कराधान बचाव संधि तथा आय पर करों के संबंध में वित्तीय चोरी की रोकथाम के लिए भारत और श्रीलंका के मध्य समझौते में संशोधन करने वाले प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने और इसे पुष्ट करने की मंजूरी दी गई।

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एक बयान में कहा गया है कि प्रस्तावना पाठ को अपडेट करने तथा मुख्य उद्देश्य परीक्षण (पीपीटी) के समावेश से दोहरे कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में सामान्य दुरुपयोग रोधी प्रावधान से कर नियमों में खामियों और विसंगतियों का लाभ उठाने वाली कर योजना रणनीतियों पर रोकथाम लगाने में मदद मिलेगी।

भारत और श्रीलंका के बीच मौजूदा डीटीएए पर 22 जनवरी 2013 को हस्ताक्षर हुए थे और यह संधि 22 अक्तूबर 2013 को लागू हुई थी।

भारत और श्रीलंका समावेशी फ्रेमवर्क के सदस्य हैं। इसलिए इनसे डीटीएए के संबंध में जी-20 ओईसीडी बीईपीएस एक्शन रिपोर्ट के तहत न्यूनतम मानकों को लागू करना अपेक्षित है। आधार कर चोरी रोकथाम और लाभ स्थानांतरण (एमएलआई) या द्विपक्षीय अनुबंध के माध्यम से कर संधि से संबंधित उपायों को लागू करने के लिए बहुपक्षीय समझौते के माध्यम से बीईपीएस एक्शन 6 के तहत न्यूनतम मानकों को पूरा किया जा सकता है।

बयान में कहा गया है कि भारत एमएलआई पर हस्ताक्षरकर्ता देश है। श्रीलंका अभी तक एमएलआई पर हस्ताक्षर न करने वाला देश है। इसलिए भारत-श्रीलंका डीटीएए में संशोधन प्रस्तावना को अद्यतन करने तथा जी-20 ओईसीडी आधार कर चोरी और लाभ स्थानांतरण (बीईपीएस) परियोजना के एक्शन-6 के तहत संधि दुरुपयोग के बारे में न्यूनतम मानकों को पूरा करने के लिए मुख्य उद्देश्य परीक्षण (पीपीटी) प्रावधानों को भी शामिल करना द्विपक्षीय रूप से अपेक्षित है।


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