IL&FS को बेचने की तैयारी में सरकार
कंपनी के पुराने बोर्ड को हटाकर नए बोर्ड की नियुक्ति किए जाने के बाद भी कंपनी अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर पाई है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारत सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएसएंडएफएस) की बिक्री समेत कई विकल्पों पर गौर कर रही है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने यह जानकारी दी है। यह खबर ब्लूमबर्ग के हवाले से सामने आई है। उसने बताया कि सरकार ऐसा इसलिए करना चाहती है ताकि कर्जदाता को 12.6 बिलियन डॉलर के कर्ज के साथ डिफॉल्ट होने से रोक जा सके।
मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार की ओर से नियुक्त बोर्ड की ओर से दिवालिया अदालत में इस योजना को पेश किया गया है जिसमें पूरी की पूरी कंपनी की बिक्री ऐसे मजबूत निवेशक को करने की बात कही गई है जो कि बिजनेस की निरंतरता को बरकरार रख सके। अन्य विकल्पों में वर्टिकल के आधार पर बिजनेस का विभाजन और उन्हें कई खरीदारों को सौपना या आउटराइट सेल को टालने के लिए ग्रुप लेवल पर लिक्विडिटी बढ़ाना। कंपनी के पुराने बोर्ड को हटाकर नए बोर्ड की नियुक्ति किए जाने के बाद भी कंपनी अपने कर्ज का भुगतान नहीं कर पाई है।
कंपनी के नकदी प्रवाह संकट को ठीक करना भारत के क्रेडिट बाजारों में विश्वास को पुनर्जीवित करने के लिहाज से ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण है जब एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था उबलते तेल और लुढ़कते रुपये की समस्या से दो चार है।