सरकारी बैंकों को मिला बड़ा अधिकार, अब विलफुल डिफाल्टर्स का देश छोड़कर भागना होगा मुश्किल
गृह मंत्रालय ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO), एक वैधानिक कॉर्पोरेट धोखाधड़ी जांच एजेंसी को भी उस सूरत में एलओसी का अनुरोध करने की इजाजत दे दी है, जिसमें उसे संदिग्ध के देश छोड़कर जाने का शक हो
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे बड़े आर्थिक अपराधियों को देश छोड़कर भागने के मामलों को देखते हुए सरकार ने सरकारी बैंकों को बड़ा अधिकार दे दिया है। बैंक अब ऐसे व्यक्ति के खिलाफ निगरानी के नोटिस (एलओसी) जारी करने का सीधा अनुरोध कर सकती हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने बीते दिन दी है।
गृह मंत्रालय ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO), एक वैधानिक कॉर्पोरेट धोखाधड़ी जांच एजेंसी को भी उस सूरत में एलओसी का अनुरोध करने की इजाजत दे दी है, जिसमें उसे संदिग्ध के देश छोड़कर जाने का शक हो। मंत्रालय ने हाल ही में दो सर्कुलर जारी कर सरकारी बैंकों के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक या मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ ही एसएफआईओ को विलफुल डिफॉल्टर्स के देश छोड़कर भागने के शक की सूरत में एलओसी का निवेदन करने का अधिकार दे दिया है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी बैंकों के सीएमडी और सीईओ अब गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सीमा शुल्क एवं आयकर विभागों, राजस्व खुफिया निदेशालय,सीबीआई, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारियों और पुलिस से एलओसी जारी करने को कह सकते हैं ताकि इमीग्रेशन चेक पोस्ट को अलर्ट कर किसी को देश छोड़कर जाने से रोका जा सके।
अधिकारी ने आगे कहा कि अगर एसएफआईओ या सरकारी बैंकों को ऐसा शक हो कि डिफाल्टर्स कानून से बचने के लिए देश छोड़कर भाग सकता है तो वे इस अधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पहले ऐसा करने का अधिकार सिर्फ जांच एजेंसियों के पास था।