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ONGC और OIL के 149 तेल और गैस क्षेत्रों को निजी कंपनियों को बेचने के लिए छह सदस्यीय पैनल गठित

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी और ओआईएल के 149 छोटे और सीमांत तेल और गैस क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को बेचने के लिए छह सदस्यीय समिति गठित की है।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 03 Dec 2018 03:30 PM (IST)Updated: Mon, 03 Dec 2018 03:30 PM (IST)
ONGC और OIL के 149 तेल और गैस क्षेत्रों को निजी कंपनियों को बेचने के लिए छह सदस्यीय पैनल गठित
ONGC और OIL के 149 तेल और गैस क्षेत्रों को निजी कंपनियों को बेचने के लिए छह सदस्यीय पैनल गठित

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी और ओआईएल के 149 छोटे और सीमांत तेल और गैस क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को बेचने के लिए छह सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति के अध्यक्ष नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार हैं। इसके अलावा समिति में कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा, आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, पेट्रोलियम सचिव एम एम कुट्टी, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और ओएनजीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शशि शंकर शामिल हैं।

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न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्टूबर को पेट्रोलियम और गैस के घरेलू उत्पादन की स्थिति की समीक्षा करने और 2022 तक तेल आयात पर निर्भरता 10 फीसद कम करने के लिए रूपरेखा पर विचार विमर्श के लिए बैठक बुलाई थी।

बैठक में पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से अपने प्रेजेंटेशन में बताया गया कि ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) और अन्य के करीब 149 छोटे तेल और गैस क्षेत्रों की घरेलू कच्चे तेल उत्पादन में महज पांच फीसद हिस्सेदारी है। बैठक में सुझाव दिया गया कि छोटे क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को दे देना चाहिए और ओएनजीसी को बड़े क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है।

सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने बताया कि मंत्रालय का मानना है कि ओएनजीसी को बड़े तेल और गैस क्षेत्रों की ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इनकी घरेलू उत्पादन में 95 फीसद हिस्सेदारी है और छोटे क्षेत्रों को निजी कंपनियों के लिए छोड़ देना चाहिए।

पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से ओएनजीसी के क्षेत्रों को निजी और विदेशी कंपनियों को देने की यह दूसरी कोशिश है। पिछले साल अक्टूबर में हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने राष्ट्रीय पेट्रोलियम कंपनियों के 15 ऐसे क्षेत्रों की पहचान की थी जिन्हें निजी कंपनियों को दिया जा सकता है।


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