सरकार ने दुर्लभ बीमारियों पर कस्टम ड्यूटी को किया शून्य, ऐसे फायदा उठा सकते हैं मरीज
सरकार द्वारा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं और खाने पर कस्टम ड्यूटी को शून्य करने मरीजों को काफी राहत मिलेगी। मंत्रालय के अनुसार इन बीमारियों के इलाज में 10 लाख से एक करोड़ प्रतिवर्ष तक का खर्च आता है। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से दुर्लभ बीमारियों के इलाज पर टैक्स को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार के द्वारा उन सभी दवाओं और खाने पर कस्टम ड्यूटी को माफ कर दिया गया है, जिनका उपयोग दुर्लभ बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
कस्टम ड्यूटी को माफ करने को लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के कहा गया कि केंद्र सरकार ने नेशनल पॉलिसी ऑफ रेयर डिजीज 2021 (National Policy for Rare Diseases 2021) के तहत सूचीबद्ध सभी दुर्लभ बीमारियों में इलाज के लिए व्यक्तिगत उपयोग होने वाली आयतित सभी दवाओं और खाने के सामान पर कस्टम ड्यूटी को माफ कर दिया है। बता दें, कस्टम ड्यूटी पर छूट केवल व्यक्तिगत उपयोग पर मिलेगी।
कस्टम ड्यूटी माफ होने का निर्णय एक अप्रैल से लागू होगा। बात दें, सरकार ने Pembrolizumab पर भी कस्टम ड्यूटी को माफ कर दिया है। इस दवा का प्रयोग कई प्रकार के कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है।
कितनी है कस्टम ड्यूटी
मौजूदा समय की बात करें तो दवाओं पर 10 प्रतिशत की कस्टम ड्यूटी लगाई जाती है। इसके अलावा अगर किसी दवा और वैक्सीन को जीवनरक्षक दवाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है, तो उस पर शून्य से लेकर 5 प्रतिशत की कस्टम ड्यूटी है।
महंगा है दुर्लभ बीमारियों का इलाज
दुर्लभ बीमारियों का इलाज काफी महंगा होता है। मंत्रालय का कहना है कि 10 किलो के बच्चे को अगर कोई दुर्लभ बीमारी हो जाती है, तो उसका खर्च 10 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये प्रतिवर्ष तक आता है।
आगे मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम से मरीजों को काफी लाभ होगा और इससे इलाज की लागत में भी कमी आएगी।
कैसे मिलेगा मरीजों को छूट का फायदा
दुर्लभ बीमारियों की दवाओं पर छूट पाने के लिए किसी व्यक्ति को सेंट्रल या फिर राज्य के हेल्थ सर्विस डायरेक्टर और जिले के मेडिकल ऑफिसर या सिविल सर्जन से सर्टिफिकेट लेना होगा।