भारतीय महिला बैंक के एसबीआई में मर्जर को सरकार तीन महीनों में दे सकती है मंजूरी
भारतीय महिला बैंक के एसबीआई में विलय को अगले तीन माह में अंतिम मंजूरी मिल सकती है
नई दिल्ली: केंद्र सरकार अगले तीन महीनों के भीतर भारतीय महिला बैंक के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में मर्जर को अंतिम मंजूरी दे सकती है। आपको बता दें कि कैबिनेट ने पिछले महीने पांच एसोसिएट बैंक के एसबीआई में मर्जर को मंजूरी दे दी थी लेकिन उस वक्त उसने भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) पर कोई फैसला नहीं लिया था।
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एक सूत्र ने बताया कि यह समय का मामला है, अब कैबिनेट की ओर से अंतिम अनुमति तीन महीनों के भीतर आ जानी चाहिए। केंद्रीय कैबिनेट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में बीएमबी के मर्जर की प्राथमिक मंजूरी पहले ही दे दी है। अंतिम मंजूरी के साथ ही सरकारी बैंक के एकीकरण का पहला दौर समाप्त हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सरकारी बैंकों के एकीकरण की प्रक्रिया का अगला दौर तब शुरू होगा जब ये 6 बैंकों का एसबीआई के साथ मर्जर हो जाएगा।
बीएमबी का गठन साल 2013 में हुआ था और लगभग हर राज्य में मिलाकर इसकी 103 शाखाएं हैं। बैंक की वेबसाइट के मुताबिक बैंक का कुल बिजनेस 1,600 करोड़ रुपए का है जिसमें से 1,000 करोड़ की जमा और 600 करोड़ का अग्रिम है, जिसमें से अधिकांश रिटेल बिजनेस का है।
इन सभी बैंकों के एसबीआई में विलय की प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू होगी, यह बैंकिंग इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा विलय माना जा रहा है। इस विलय के अंतर्गत स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद का विलय होना है।