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नई टेलिकॉम पॉलिसी पर काम कर रही है सरकार, आम जनता से मांगी जाएगी राय

सरकार एक ऐसी केटलिकॉम प्लिसी पर काम कर रही है जिसमें आम जनता की राय को शामिल किया जाएगा

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 06 Jul 2017 02:56 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jul 2017 02:56 PM (IST)
नई टेलिकॉम पॉलिसी पर काम कर रही है सरकार, आम जनता से मांगी जाएगी राय
नई टेलिकॉम पॉलिसी पर काम कर रही है सरकार, आम जनता से मांगी जाएगी राय

नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने एक नई टेलिकॉम पॉलिसी पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके आम जनता से उनकी राय भी मांगी जाएगी। यह इस दिशा पहला ऐसा कदम हो सकता है। यह बात टेलिकॉम मंत्री मनोज सिंहा ने कही है।

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मनोज सिंहा ने यह भी कहा है कि आम जनता से राय लेने की प्रक्रिया ओपन कंसल्टेंसी प्रोसेस के जरिए जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसका उदेश्य पॉलिसी को कंज्यूमर सेंट्रिक बनाने का है। साथ ही इसमें इंडस्ट्री, शैक्षणिक क्षेत्र और भारत व विश्वभर के एक्सपर्ट्स की राय को शामिल किया जाएगा। हम नई टेलिकॉम पॉलिसी पर पहली बार आम जनता की राय लेंगे, क्योंकि वे भी शेयरधारक हैं। हमने भारत और विश्वभर से 50 लोगों की टीम का गठन किया है जो इस पॉलिसी पर काम करेंगे। हालांकि नई पॉलिसी के हिसाब से जमीनी स्तर पर काम तब ही शुरू हो सकेगा जब पिछली नैशनल टेलिकॉम पॉलिसी, जो वर्ष 2012 नें अस्तित्व में आई थी, के पांच वर्ष पूरे हो जाएंगे। माना जा रहा है कि नई पॉलिसी इस सेक्टर की ग्रोथ के लिए रोडमैप तैयार करेगी और साथ ही नेक्स्ट जनरेशन टेक्नोलॉजी के लिए बेस तैयार करेगी।

अबतक केवल कैरियर्स, टेलिकॉम सेवा प्रदाता एसोसिएशन्स, टावर कंपनियां और नागरिक सामाज के प्रतिनिधित्वों की राय को ही शामिल किया जाता था। एनटीपी 2012 के तहत सरकार ने कई रिफॉर्म किए हैं जिनमें स्पेक्ट्रम से लाइसेंस को डीलिंक करना, स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग को चिन्हित करना और साझा किए जाने वाले नियम, पूर्ण मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी व नीलामी के माध्यम से बड़ी संख्या में स्पेक्ट्रम उपलब्ध कराना शामिल है।

पूर्व टेलिकॉम सचिव जे एन डीपक ने बीते वर्ष नवंबर में कहा था कि सरकार नई पॉलिसी पर अप्रैल, 2017 से काम करना शुरू कर देगी, लेकिन एनटीपी 2012 के तहत कई काम अधूरे रह गए थे। मंत्रालय ने उस समय ग्राहकों के लिए 2 एमबीपीएस प्रति सेकेंड की स्पीड, देशभर में रोमिंग चार्जेस को खत्म करना, स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल को बढ़ावा देना और नैशनल मोबाइल प्रॉपर्टी रजिस्ट्री का गठन आदि का लक्ष्य रखा था। इनमें कुछ पूरे भी हो चुके हैं। इस साल की शुरुआत में इससे जुड़े नियम जारी किये गए थे।


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