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डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी की भरपाई के लिए एडवांस टैक्स पर सरकार की नजर

सरकार ने इससे पहले प्रत्यक्ष कर से 11.5 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाने का लक्ष्य रखा था जिसे अब संशोधित कर दिया गया है।

By Abhishek ParasharEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 05:10 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 06:51 PM (IST)
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी की भरपाई के लिए एडवांस टैक्स पर सरकार की नजर
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी की भरपाई के लिए एडवांस टैक्स पर सरकार की नजर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/ एजेंसी)। टैक्स कलेक्शन में हुई कमी की वजह से राजकोषीय दबाव की स्थिति का सामना कर रही सरकार की नजर अब एडवांस टैक्स से होने वाली आय पर टिकी हुई है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने इनकम टैक्स से 12 लाख करोड़ रुपये की आमदनी का लक्ष्य रखा है।

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सूत्रों के मुताबिक आय कर संग्रह में लक्ष्य के मुकाबले हुई कमी को पाटने की कोशिश की जा रही है, लेकिन संशोधित लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। सरकार ने इससे पहले प्रत्यक्ष कर से 11.5 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाने का लक्ष्य रखा था।

2019-20 के अंतरिम बजट में डायरेक्ट टैक्स (आय कर) संग्रह के लक्ष्य को संशोधित करते हुए उसमें 50,000 करोड़ रुपये का इजाफा किया गया था, लेकिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के लिए इस लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल लग रहा है।

हालांकि, लक्ष्य को पूरा करने में कितनी कमी होती है, इसका अंदाजा एडवांस टैक्स के अंतिम आंकड़ों के सामने आने के बाद ही पता चल पाएगा। इस वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल-जनवरी के बीच डायरेक्ट टैक्स के मद में 7.89 लाख करोड़ रुपये की राशि आ पाई है, जबकि लक्ष्य 12 लाख करोड़ रुपये का है।

इस कमी को पाटने के लिए हाल ही में सीबीडीटी के चेयरमैन पी सी मोदी ने आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। शुक्रवार को एडवांस टैक्स पेमेंट की आखिरी तारीख है।

इसके अलावा बोर्ड ने टैक्सपेयर्स से एडवांस टैक्स की चौथी और आखिरी किस्त का भी भुगतान किए जाने को लेकर एडवाइजरी जारी की है। संग्रह में आई कमी को देखते हुए माना जा रहा है कि कॉरपोरेट को आखिरी किस्त में ज्यादा रकम जमा करनी पड़ सकती है, जिसका रिफंड वह अगले वित्त वर्ष में क्लेम करेंगे। इस वजह से चालू वित्त वर्ष के दौरान लक्ष्य और वास्तविक संग्रह के बीच का अंतर कम हो जाएगा।

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, 'डायरेक्ट टैक्स के मामले में हमें भरोसा है कि लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन अप्रत्यक्ष कर के मामले में मुश्किल हो सकती है।' अंतरिम बजट में सरकार ने कस्टम कलेक्शन के लक्ष्य को 1.12 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.30 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, जबकि जीएसटी संग्रह का लक्ष्य 6.43 लाख करोड़ रुपये रखा है, जो 7.43 लाख करोड़ रुपये से कम है। माना जा रहा कि चालू वित्त वर्ष में जीसटी कलेक्शन 7.61 लाख करोड़ रुपये रह सकता है।

गौरतलब है कि टैक्स से होने वाली कमाई में कमी की वजह से सरकार ने नकदी के ढेर पर बैठी सरकारी कंपनियों से दोबारा अंतरिम डिविडेंड (लाभांश) देने के लिए कहा है। नियामकीय मंजूरी के बाद सरकार ने चालू वित्त वर्ष में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) से दूसरी बार डिविडेंड का भुगतान करने के लिए कहा है।

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