COVID-19 के कारण धीमी हुई सरकार की मेगा विनिवेश योजना की रफ्तार, बढ़नी चाहिए EoIs की समयसीमा: DIPAM सचिव
Mega Disinvestment Plan दीपम सचिव ने बताया कि रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया में आमतौर पर 8 से 9 महीने लगते हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्र सरकार की बड़ी विनिवेश योजना कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रभावित हुई है, इसलिए अब इओआई प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़नी चाहिए। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पाडें ने यह बात कही है। पांडे ने कहा, 'मौजूदा कोरोना वायरस संकट के चलते सरकार का मेगा डिसइन्वेस्टमेंट प्लान प्रभावित हुआ है, इसलिए अब यह आवश्यक हो गया है कि एक्सप्रेशंस ऑफ इंट्रेस्ट (EOIs) प्रस्तुत करने की समयसीमा को आगे बढ़ाया जाए।' गौरतलब है कि सरकार द्वारा कुछ सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी की बिक्री के लिए EOIs आमंत्रित की गई है।
FICCI के 17 वें सालाना कैपिटल मार्केट कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए दीपम सचिव ने कहा, 'यद्यपि संचार के वर्चुअल माध्यम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन प्रक्रिया में कई ऐसे पहलू शामिल हैं, जिनमें लोगों की फिजिकल मूवमेंट और दस्तावेजों की जांच की आवश्यकता होती है। इसमें इस समय कोरोना वायरस महामारी के चलते बाधाएं आई हुई हैं।'
दीपम सचिव ने बताया कि रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया में आमतौर पर 8 से 9 महीने लगते हैं। उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस ने विनिवेश प्रक्रिया पर काफी हद तक ब्रेक लगा दिये हैं। हमें ईओआई प्रस्तुत करने की कुछ समय सीमाओं को आगे बढ़ाना चाहिए।' जिन बड़ी सरकारी कंपनियों की विनिवेश प्रक्रिया बाधित हैं, उनमें ऑयल सेक्टर की दिग्गज कंपनी बीपीसीएल भी शामिल है और इसके लिए ईओआई प्रस्तुत करने की समयसीमा 31 जुलाई को समाप्त हो रही है। इस समयसीमा को पहले भी दो बार बढ़ाया जा चुका है।
मामले के जानकारों के अनुसार, तेल सेक्टर की इस सरकारी कंपनी में कई वैश्विक और घरेलू दिग्गजों ने दिलचस्पी दिखाई है। दीपम सचिव ने कहा कि सरकार का विनिवेश योजनाओं को आगे बढ़ाना अधिक सफल होगा, क्योंकि केंद्र ने अब संभावित निवेशकों और खरीदारों के साथ जुड़ना शुरू कर दिया है।