सोशल मीडिया से टैक्स चोरों का पता लगाएगी सरकार
महंगी कार या कोई अन्य सामान खरीदा या विदेश की यात्रा की और इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर शान दिखाने के लिए डाली तो इस पर कड़ी नजर रहेगी।
नई दिल्ली (पीटीआई)। केंद्र सरकार कर चोरों पर नकेल कसने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इस दिशा में सरकार ने एलएंडटी इन्फोटेक से 10 करोड़ डॉलर (करीब 650 करोड़ रुपये) का करार किया है। इस करार के तहत एलएंडटी इन्फोटेक एनालिटिक्स के जरिये सोशल मीडिया से कर चोरों का पता लगाएगी। कंपनी के अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
पिछले साल नवंबर में हुई नोटबंदी के बाद से सरकार एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की मदद से कर प्रणाली की खामियों को दूर करने में लगी है। जून में रिजर्व बैंक ने बताया था कि नोटबंदी के बाद 99 फीसद बंद हुए प्रतिबंधित नोट वापस आ गये। यह तथ्य सामने आने के बाद से सरकार ने कर चोरों पर नकेल के लिए और तेजी से कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
ताजा करार के तहत सरकार अब सोशल मीडिया पर जानकारियों को खंगाल कर ऐसे लोगों को निशाना बनाएगी। एलएंडटी इन्फोटेक उन्नत तकनीक की मदद से सोशल मीडिया पर नजर रखेगी। उदाहरण के तौर पर अगर किसी ने लक्जरी कार या ऐसी ही किसी और खर्चीली सेवा या वस्तु खरीदकर इसकी जानकारी और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की तो यह कंपनी की नजर में आ जाएगा। एनालिसिस में अगर कंपनी को जरूरी लगा तो इसकी जानकारी आयकर विभाग को दी जाएगी। इसके बाद व्यक्ति की आय और खर्च का ब्योरा खंगाला जा सकता है। अगर इनमें कोई बड़ा फर्क पाया गया तो व्यक्ति जांच के दायरे में आ सकता है।
कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव और मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जलोना ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से मिले इस काम को हाई वॉल्यूम डिजिटल डील कहा है। उन्होंने कहा कि यह सब बेहद उन्नत तकनीक की मदद से किया जाता है, जिसमें कंप्यूटर खुद संदिग्ध गतिविधियों को पकड़ने में सक्षम होगा। जलोना ने कहा, ‘इसमें व्यक्ति पर चारों ओर से नजर रखी जाती है। अगर किसी की पत्नी सेशेल्स जाती है और वहां से इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें डालती है, तो हम जान जाएंगे।