एनबीएफसी को 10,000 करोड़ की पूंजी मुहैया कराएगा नेशनल हाउसिंग बैंक
अर्थव्यवस्था पर मंदी के साए की खबरों के बीच वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को आनन फानन में दो अलग-अलग वक्तव्य जारी कर सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों पर मंडराती मंदी के संकट के बीच सरकार इससे निपटने को सक्रिय हो गयी है। वित्त मंत्रालय ने इसी दिशा में कदम उठाते हुए शुक्रवार को एलान किया कि नेशनल हाउसिंग बैंक आवासीय लोन उपलब्ध कराने के लिए गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) को 10,000 करोड़ की पूंजी मुहैया कराएगा। बैंकिंग क्षेत्र का हाल जानने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी। साथ ही वह एमएसएमई क्षेत्र की समस्याओं का हल निकालने के लिए अगले हफ्ते अलग-अलग मंत्रालयों के साथ बैठक करेंगी। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद एमएसएमई क्षेत्र के लिए पैकेज घोषित किया जा सकता है।
अर्थव्यवस्था पर मंदी के साए की खबरों के बीच वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को आनन फानन में दो अलग-अलग वक्तव्य जारी कर सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि वित्त मंत्री हर दिन सुबह साढ़े दस बजे वित्त मंत्रालय के सभी सचिवों के साथ बैठक कर अति महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दांे और बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा करती हैं। वहीं वित्तीय सेवा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा है कि हाउसिंग क्षेत्र की धन की जरूरत को पूरा करने के लिए नेशनल हाउसिंग बैंक 10,000 करोड़ नकदी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को उपलब्ध कराएगी, ताकि अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए अतिरिक्त नकदी उपलब्ध कराई जा सके। विभाग ने कहा कि बजट की घोषणा के बाद आरबीआइ ने 1,34,000 करोड़ नकदी बैंकों को उपलब्ध कराने के उपाय किये हैं।
इस बीच बैंकिंग क्षेत्र का हाल जानने के लिए वित्त मंत्री पांच अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करने जा रही हैं। आम तौर पर वित्त मंत्री सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखांे के साथ ही बैठक करती हैं। संभवत: यह पहला मौका है जब निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों को भी इस बैठक में बुलाया गया है। इसमें जीडीपी बढ़ाने के लिए बैंकिंग क्षेत्र की प्राथमिकताओं पर आगामी महीने में किये जाने वाले कार्यो पर चर्चा के साथ-साथ एमएसएमई, रिटेल, ऑटोमोबाइल, अफोर्डेबल हाउसिंग और एनबीएफसी को ऋण प्रवाह की स्थिति पर भी चर्चा की जाएगी।
यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब ऑटो सेक्टर सहित अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्र संकट का सामना कर रहे हैं। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक फंसे कर्ज के संकट से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। वित्त मंत्री अगले सप्ताह एमएसएमई मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, राजस्व विभाग और व्यय विभाग के साथ बैठक कर एमएसएमई पर सिन्हा समिति की सिफारिशों पर विचार करने और समुचित कार्रवाई करने पर चर्चा करेंगी। यूके सिन्हा समिति ने एमएसएमई क्षेत्र को कर्ज, इक्विटी फं¨डग, ग्रामीण उद्यम और विशेष फंड की स्थापना के संबंध में सिफारिशें दी हैं। माना जा रहा है कि वित्त मंत्री की अगले हफ्ते की बैठक बाद सरकार एमएसएमई क्षेत्र को गति देने के लिए एक पैकेज घोषित कर सकती है।
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