आम बजट में विलय से प्रभावित नहीं होगी रेलवे की स्वायत्तता: सरकार
सरकार ने कहा कि आम बजट में विलय के बावजूद रेलवे की पूर्ण स्वायत्तता बरकरार रहेगी।
नई दिल्ली: सरकार ने कहा कि आम बजट में विलय के बावजूद रेलवे की पूर्ण स्वायत्तता बरकरार रहेगी। सरकार ने कहा कि रेलवे पूर्ण कार्यात्मक और वित्तीय स्वायत्तता के साथ एक वाणिज्यिक विभागीय इकाई के रूप में काम करता रहेगा। आपको बता दें की बीते 21 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने रेल बजट के आम बजट में विलय को मंजूरी दे दी थी। साल 2017 का आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है।
बजट के अनुमानों को लेकर संसदीय समिति की ओर से सौंपी गई "बजट में संरचनात्मक परिवर्तन" वाली रिपोर्ट में ये आश्वासन निहित हैं। समिति आम बजट के साथ रेल बजट के विलय के तीन मुद्दों में देखा रही है। बजट एक फरवरी के आसपास पेश किया जाएगा। दूसरे बजट में योजना और गैर-योजना व्यय के वर्गीकरण को समाप्त कर इसके स्थान पर राजस्व और व्यय का नया वर्गीकरण किया जाएगा।
इस प्रस्ताव के मुताबिक, रेलवे की अनुदान के लिए 16 मांगों का एक ही मांग में विलय हो जाएगा, कैपिटल एट लॉर्ज खत्म हो जाएगा इसलिए रेलवे को भी सामान्य राजस्व में लाभांश का भुगतान नहीं करना होगा।
रेलवे के बजट अनुमानों और अनुदान की मांग के लिए एक अलग स्टेटमैंट तैयार किया जाएगा। रेलवे राजस्व से अपने खर्चे पूरे करेगा लेकिन आम बजट से उसे समर्थन मिलना जारी रहेगा, ताकि वह अपने पूंजी खर्च के हिस्से को पूरा कर पाए। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि फंड जुटाने (बाजार से उधारी एवं अन्य स्रोतों के माध्यम से) के लिए रेलवे की स्वायतता जारी रहेगी।
क्या-क्या बदल जाएगा
सूत्रों के मुताबिक अगर बजट पेश करने का समय बदलता है तो सरकार अगला बजट सत्र 25 जनवरी 2017 से पहले बुला सकती है। वहीं एक फरवरी से आम बजट पेश होने की संभावना है और इससे ठीक दो दिन पहले आर्थिक समीक्षा पेश की जा सकती है। वहीं जानकारों का मानना है कि रेल बजट को आम बजट में शामिल करने के बाद भी रेलवे की स्वायतता बरकरार रखी जा सकती है। नई ट्रेन चलाने का फैसला और यात्रियों को नई सुविधाएं देने से संबंधित फैसला रेलवे पहले की तरह लेता रहेगा। गौरतलब है कि आम बजट 27 फरवरी (अभी तक के प्रचलन के मुताबिक) को पेश किया जाता है।