BPCL ने सरकार को दिया 6,665 करोड़ का लाभांश, नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी बेचे जाने से लाभांश में हुई वृद्धि
इसी साल मार्च में बीपीसीएल ने असम स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी में अपनी पूरी 61.5 हिस्सेदारी आयल इंडिया लिमिटेड इंजीनियर्स इंडिया और असम सरकार कंसोर्टियम को 9876 करोड़ रुपये में बेच दी थी। सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकारी कंपनियों के निजीकरण की सूची में सबसे ऊपर भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन (बीपीसीएल) ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान सरकार को 6,665 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। दीपम सचिव तुहिन कांत पांडेय ने ट्वीट करते हुए कहा, 'वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान बीपीसीएल से सरकार को 6,665 करोड़ रुपये का लाभांश मिला है। मुख्य रूप से नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की हिस्सेदारी बेचे जाने से लाभांश में बढ़ोतरी हुई है।'
इसी साल मार्च में बीपीसीएल ने असम स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी में अपनी पूरी 61.5 हिस्सेदारी आयल इंडिया लिमिटेड, इंजीनियर्स इंडिया और असम सरकार कंसोर्टियम को 9,876 करोड़ रुपये में बेच दी थी। सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। वेदांता समूह और निजी इक्विटी फर्म अपोलो ग्लोबल और आइ स्क्वायर कैपिटल की भारतीय इकाई थिंक गैस ने सरकार की हिस्सेदारी खरीदने के लिए रुचि दिखाई है।
सरकार पहले ही इस बात का संकेत दे चुकी है वह बीपीसीएल का निजीकरण चालू वित्त वर्ष में पूरा कर लेगी। बता दें कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1.75 करोड़ रुपये के विनिवेश का लक्ष्य रखा है। अगर वह बीपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने में कामयाब हो जाती है तो उसे यह लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी।
मारुति का मुनाफा 66 फीसद घटा
चालू वित्त की दूसरी तिमाही में देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी का मुनाफा 66 फीसद घटकर 487 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। कंपनी ने कहा है कि सेमीकंडक्टर की कमी के चलते उत्पादन में फर्क पड़ा, जिसका असर कंपनी के लाभ पर पड़ा। पिछले वर्ष इसी समयावधि के दौरान कंपनी का मुनाफा 1420 करोड़ रुपये था। कुल कारोबार की बात करें कंपनी का राजस्व 20,551 करोड़ रुपये हो गया है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 18,756 करोड़ था। पिछले वर्ष के मुकाबले वाहनों की बिक्री भी तीन फीसद घटकर 3,79,541 रह गई है।