बड़े आर्थिक सुधार के लिए सरकार तैयार
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अगले तीन हफ्ते आर्थिक सुधार के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं। बीमार अर्थव्यवस्था, जमींदोज रुपये और चालू खाते में घाटे की स्थिति सुधारने के लिए संप्रग सरकार ने कम से कम दर्जन भर बड़े फैसले लेने का मन बना लिया है। इसके तहत सड़क, कोयला, रेल माल भाड़ा के क्षेत्र में नियामक गठित करने से लेकर कई बड़
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अगले तीन हफ्ते आर्थिक सुधार के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं। बीमार अर्थव्यवस्था, जमींदोज रुपये और चालू खाते में घाटे की स्थिति सुधारने के लिए संप्रग सरकार ने कम से कम दर्जन भर बड़े फैसले लेने का मन बना लिया है। इसके तहत सड़क, कोयला, रेल माल भाड़ा के क्षेत्र में नियामक गठित करने से लेकर कई बड़े क्षेत्रों में विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर सरकार के भीतर विभिन्न स्तरों पर विचार होने वाला है। बिजली प्लांटों को कोयला उपलब्ध कराने और गैस की कीमत तय करने के पुराने मुद्दे पर भी सरकार दो टूक फैसला करने जा रही है।
कोयला नियामक : कोयला क्षेत्र में नियामक गठित करने पर प्रस्ताव तीन वर्ष पुराना है। विधेयक पर गठित मंत्रिसमूह इसे अंतिम रूप दे चुका है। विधेयक को हर हाल में मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।
राजमार्ग नियामक
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण [एनएचएआइ] और सड़क निर्माण करने वाली निजी कंपनियों के बीच विवाद यह नियामक सुलझाएगा। साथ ही राजमार्गो पर टैक्स की दर तय करने, ठेके के नियम वगैरह बनाने काम भी यह देखेगा। संबंधित ंिवधेयक को जून, 2013 तक मिलेगी कैबिनेट की मंजूरी।
रेलवे टैरिफ अथॉरिटी
सरकार ने रेल किराया और माल भाड़ा तय करने की जिम्मेदारी प्रस्तावित रेलवे टैरिफ अथॉरिटी को देने का फैसला किया है। अथॉरिटी का प्रस्ताव लगभग तैयार है। नए रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे की पहली अहम जिम्मेदारी संबंधित प्रस्ताव को अंतिम रूप देने की है।
कोयला पूल प्राइसिंग
आयातित कोयले को घरेलू कोयले में मिला कर बेचने की नीति भी अगले पखवाड़े के भीतर सुलझ जाने के आसार हैं। इस महीने के अंत तक इस बारे में संबंधित नीति को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति यानी सीसीईए में मंजूरी मिल जाने के आसार हैं। इससे लगभग 78 हजार मेगावाट क्षमता की बिजली प्लांटों को कोयले की आपूर्ति को लेकर छाई अनिश्चितता दूर होगी।
गैस कीमत
प्राकृतिक गैस कीमत बढ़ाने का प्रस्ताव भी पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली बहुत जल्द ही सीसीईए के समक्ष ले कर जाने वाले हैं। अभी देश में जो गैस निकाली जाती है उसके लिए 4.20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की कीमत दी जाती है। पेट्रोलियम मंत्रालय इसे बढ़ाकर 6.7 डॉलर करने का प्रस्ताव कर रहा है। माना जा रहा है कि इससे देश के गैस क्षेत्र में नया निवेश आ सकेगा।
एफडीआइ सीमा
आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम पैनल की रिपोर्ट आ चुकी है। रक्षा, टेलीकॉम, बीमा, बैंक, रिटेल, संचार, फार्मा सहित तमाम क्षेत्रों में मौजूदा विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में संबंधित मंत्रियों का समूह का इन सभी प्रस्तावों पर जुलाई के पहले हफ्ते में विचार करेगा। कुछ क्षेत्रों पर सहमति बनने के आसार।
कोयला ब्लॉक आवंटन की नीति
नए कोयला ब्लॉक आवंटन की नीति भी सरकार तैयार कर रही है। अगले महीने इसकी घोषणा होगी। नए सिरे से ब्लॉक आवंटन करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
गैस आवंटन नीति
विभिन्न उद्योगों को दी जाने वाली गैस के आवंटन की नीति में भी सरकार बदलाव करने जा रही है। देश में गैस उत्पादन में भारी कमी को देखते हुए मौजूदा नीति में बदलाव जरूरी हो गया है। बिजली मंत्रालय के अड़ंगे की वजह से देरी हो रही है। अब जल्द होगा फैसला।